नारायणपुर. बच्चों की एमडीएम राशि की बंदरबांट आए दिन सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल बच्चों के हक और निवाला में अपना अंश ढूंढने के लिए कभी एसएमसी अध्यक्ष चुनाव में मारपीट करते हैं तो कभी राशि का हिसाब किताब में आपसी विवाद. नारायणपुर प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित बीआरसी भवन में मध्याह्न भोजन के आय व्यय का अंकेक्षण हो रहा था. दसानी एंड एसोसिएशन के सीए रांची की ओर से विद्यालयों के वित्तीय वर्ष एवं चालू वर्ष में एमडीएम का अंकेक्षण किया जाना था. अंकेक्षण के लिए सुबह 11:00 बजे विद्यालयों के शिक्षक खाता बही लेकर पहुंच गए. 11:45 बजे लोहारंगी विद्यालय का अंकेक्षण शुरू किया गया. लगभग 1 घंटे से ज्यादा समय तक विद्यालय का खाता बही टीम ने देखा, जब शिक्षकों ने कहा कि इस पर अपनी स्वीकृति व मोहर लगा दें तो अंकेक्षण टीम ने ऐसा करने से मना कर दिया. इसके बाद क्या था शिक्षक हंगामा करने लगे. शिक्षक वाल्मीकि सिंह, भरत स्वर्णकार, संजीव कुमार दत्ता, नागेश्वर पंडित, निरंजन प्रताप सिंह, विपिन कुमार, प्रफुल्ल चंद्रशेखर, मंजून खातून, शबाहत नाज ने कहा कि अंकेक्षण टीम जान बूझकर हम लोगों को परेशान कर रही है. सभी दस्तावेज रहने के बाद भी अंकेक्षण टीम संतुष्ट नहीं हो रही है. सीधे तौर पर समझें तो अंकेक्षण टीम को राशि चाहिए, जिसे हम लोगों ने देने से साफ मना कर दिया तो यह टाल मटोल करने लगे है. शिक्षकों के हंगामा के बाद अंकेक्षण करने आई टीम बैरंग लौट गयी. – क्या कहते हैं बीइइओ नारायणपुर शैक्षणिक आंचल में संचालित विद्यालयों के एमडीएम का अंकेक्षण हो रहा था. शिक्षकों का आरोप है कि अंकेक्षण टीम जान बूझकर उन्हें परेशान कर रही है. मैंने इस मामले में संबंधितों से पूछताछ करना चाहा, लेकिन तब तक वे लोग जा चुके थे. सूचना वरीय पदाधिकारी को दी जायेगी. – सुखदेव प्रसाद यादव, बीइइओ
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