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एनक्वास कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल में दूसरे दिन गैप असेसमेंट: सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी

गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल: सिविल सर्जन

किशनगंज.एनक्वास कार्यक्रम के तहत जिले के सदर अस्पताल में चल रहे रैपिड असेसमेंट का दूसरा दिन और भी महत्वपूर्ण रहा. दूसरे

गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल: सिविल सर्जन

किशनगंज.एनक्वास कार्यक्रम के तहत जिले के सदर अस्पताल में चल रहे रैपिड असेसमेंट का दूसरा दिन और भी महत्वपूर्ण रहा. दूसरे दिन, असेसर की टीम ने गहन निरीक्षण के बाद अस्पताल की सेवाओं में पाए गए गैप्स (खामियों) का मूल्यांकन किया और गुणवत्ता सुधार के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि असेसमेंट के दूसरे दिन, एसेसर टीम ने अस्पताल के विभिन्न विभागों जैसे इमरजेंसी सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर, प्रसूति विभाग, ओपीडी, वार्ड, लैबोरेटरी, फार्मेसी और आईसीयू का बारीकी से निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें.

गैप असेसमेंट और दिशा निर्देश

असेसर की टीम ने निरीक्षण के बाद आवश्यक सुधर के लिए दिशा निर्देश दिए, जिनमें शामिल हैं:

सफाई और स्वच्छता:

अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के मानकों को और भी सख्ती से पालन करना.

चिकित्सा उपकरण:

आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना.

स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण:

डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि वे अपनी सेवाओं को और बेहतर कर सकें.

मरीजों की सुरक्षा

मरीजों की सुरक्षा के मानकों का पालन करना और आपातकालीन स्थितियों के लिए तत्पर रहना. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया कि असेसर टीम द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना अस्पताल प्रबंधन की प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हमारे अस्पताल में आने वाले हर मरीज को सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्राप्त हों. “

स्वास्थ्यकर्मियों और प्रबंधन की भूमिका

डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्यकर्मियों का इस कार्यक्रम में अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है. एनक्वास असेसमेंट के माध्यम से अस्पताल के कर्मचारी और प्रबंधन को अपनी कार्यशैली और सेवाओं का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है. यह न केवल उन्हें अपने संस्थान में मौजूद खामियों को पहचानने में मदद करता है, बल्कि उन्हें यह भी प्रेरित करता है कि वे अपने मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करें. अस्पताल प्रबंधन द्वारा लागू किए गए सुधार सीधे तौर पर मरीजों की संतुष्टि और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर असर डालते हैं.सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया की एनक्वास (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स) कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे दिन राज्य स्तरीय एसेसर दल द्वारा गैप असेसमेंट किया गया.

इस दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की गहन समीक्षा की गई, जिसमें कई बारीकियों पर ध्यान दिया गया और आवश्यक सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए. दूसरे दिन का गैप असेसमेंट अस्पताल की सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. एनक्वास कार्यक्रम के तहत किए गए इस मूल्यांकन ने अस्पताल प्रबंधन को अपने सेवा मानकों को और भी बेहतर बनाने का अवसर प्रदान किया है, जिससे मरीजों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें. आने वाले समय में, इन दिशा निर्देशों का पालन करते हुए, सदर अस्पताल का उद्देश्य है कि वह जिले के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सके.

एसेसर टीम ने अस्पताल के विभिन्न विभागों का निरीक्षण करते हुए उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जहां सेवाओं और मानकों के बीच अंतर है. इस गैप असेसमेंट का मुख्य उद्देश्य अस्पताल की मौजूदा सेवाओं की गुणवत्ता को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाना है, ताकि मरीजों को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.

गैप असेसमेंट के निष्कर्ष

गैप असेसमेंट के दौरान अस्पताल के आपातकालीन सेवाओं, ओपीडी, प्रसूति विभाग, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू और अन्य प्रमुख सेवाओं की गहन समीक्षा की गई. एसेसर टीम ने सेवाओं की गुणवत्ता, संक्रमण नियंत्रण, स्वच्छता मानकों, उपकरणों की स्थिति और मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जांच की. कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता पाई गई, जैसे स्वच्छता में सुधार, चिकित्सा उपकरणों का नियमित रखरखाव, और मरीजों के देखभाल में तेजी लाने के उपाय.

आवश्यक दिशा-निर्देश

गैप असेसमेंट के बाद, एसेसर टीम ने अस्पताल प्रबंधन को सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी किए. इनमें अस्पताल के सभी विभागों में सेवाओं के स्तर को बढ़ाने के लिए विशेष रूप से निर्देश दिए गए. टीम ने स्पष्ट किया कि संक्रमण नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए और सभी चिकित्सा उपकरणों की नियमित जाँच और रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए.इसके अलावा, एसेसर टीम ने अस्पताल के कर्मचारियों को मरीजों की देखभाल के दौरान स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन करने के निर्देश दिए, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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