सुखाड़ के दौरान तालाबों में पानी की उपलब्धता करें सुनिश्चित

प्रमंडल के सभी जिला पशुपालन एवं मत्स्य पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुधवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. जिसमें बाढ़ को लेकर की गयी इन दोनों विभागों के तैयारियों की समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये.

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 5:13 PM

मुंगेर. प्रमंडल के सभी जिला पशुपालन एवं मत्स्य पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुधवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. जिसमें बाढ़ को लेकर की गयी इन दोनों विभागों के तैयारियों की समीक्षा की गई और आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये. बैठक में उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी देवव्रत मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन, भागलपुर, क्षेत्रीय निदेशक मत्स्य दरभंगा, उप मत्स्य निदेशक मुंगेर प्रमंडल मुख्य रूप से मौजूद थे.

आयुक्त ने कहा कि गंगा के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में जिलों में जो कार्य की गति है, उससे स्पष्ट है कि पशुपालन विभाग अपने कार्य के प्रति सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही है. उन्होंने बाढ़ के दौरान पशुओं के आश्रय स्थल, पशुओं की समुचित दवा, पशु चारा, पशु टीकाकरण, उनके पेयजल सहित पशु चिकित्सकों की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया. पशु पालन पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि सभी जिलों में पशुओं की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. कुल 30 प्रकार की दवाइयां विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है. पशु चारा आदि की भी व्यवस्था की जा रही है. आयुक्त ने सभी पशुपालन पदाधिकारियों को बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित सभी जिलों में चिन्हित पशु आश्रय स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करने का निर्देश दिया. साथ ही आश्रय स्थल पर पशु चिकत्सकों के साथ टीकाकरण की भी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. आयुक्त ने कहा कि बाढ़ के दौरान सुगम मार्ग नहीं होने के कारण कई जगह टैंकर से पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है. इसे देखते हुए वहां चापाकल की व्यवस्था अभी ही कर ले. खगड़िया और मुंगेर अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र में आते हैं, ऐसे में इन जिलों के पदाधिकारी अभी से ही सारी तैयारियां पूरी कर लें. पॉलिथिन सीट की भी पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया.

अतिक्रमित तालाबों को चिह्नित कर कराएं मुक्त

मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान आयुक्त ने कहा कि योजनाओं का लाभ लाभुकों मिले इसके लिए कार्य करें. जलकर का पट्टा जांच के बाद ही करें. सुखाड़ के दौरान तालाबों के लिए पानी की उपब्धता की भी व्यवस्था रखें. कुछ तालाबों को जीविका को भी उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए आयुक्त ने कहा कि इससे जीविका समूह की महिला भी काफी लाभान्वित होंगी. उन्होंने सभी डीएम को जीविका समूह को तालाब उपलब्ध कराने के लिए पत्राचार करने का निर्देश दिय. उन्होंने कहा ज्यादातर तालाब अतिक्रमित है, ऐसे तालाबों को चिन्हित कर उसे अतिक्रमण मुक्त कराये. जलकर के बकायेदार को चिन्हित कर उनके खिलाफ नीलाम पत्र दायर करे. उन्होंने सभी पदाधिकारियों को एक माह के अंदर जल निकायों की जिलावार सूची बनाने का निर्देश दिया.

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