घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में की जा रही कुष्ठ की जांच
बक्सर. जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत आगामी दो अक्टूबर तक घर घर जा कर कुष्ठ
बक्सर. जिले में कुष्ठ रोगियों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत आगामी दो अक्टूबर तक घर घर जा कर कुष्ठ के नए रोगियों की खोज की जा रही है. जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सौरभ राय ने बताया कि अभियान को लेकर एक हजार की आबादी पर एक टीम बनायी गयी है. इसके लिए 1429 टीम को लगाया गया है. साथ ही, अभियान में 71 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं, जो क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करेंगे. टीम में एक पुरुष और एक महिला (आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी सेविका) को रखा गया है. पुरुष की जांच पुरुष करेंगे, जबकि आशा महिला की जांच करेंगी. महिला सदस्य के रूप में आशा कार्यकर्ता या फिर आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका का चयन किया गया है. वहीं, अभियान के दौरान मिले नए कुष्ठ मरीजों के संपर्क या आसपास रहने वाले लोगों को भी रिफाम्पिसिन की गोली खिलाई जाएगी. गंभीर कुष्ठ रोगियों को किया जाता है रेफर : डॉ. सौरभ राय ने बताया कि अभियान के दौरान अगर कोई ज्यादा गंभीर मरीज मिलता है, तो उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा जाएगा. इलाज में मरीज को किसी भी तरह का खर्च नहीं आएगा. साथ ही इलाज के दौरान उन्हें जो आर्थिक नुकसान होगा, उसकी भरपाई के लिए आठ हजार रुपये सहायता राशि भी दी जाएगी. उन्होंने बताया कि ग्रेड दो के मरीज जो कि कुष्ठ होने की वजह से कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हैं, प्रशासनिक स्तर पर उन्हें 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन भी दिया जाता है. साथ ही, ग्रेड एक और दो के मरीजों को सेल्फ केयर किट और एमसीआर चप्पल उपलब्ध कराया जाता है. मरीज मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर होगा इलाज : इस क्रम में शुक्रवार को सदर पीएचसी में आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया गया. जिसमें पीएमडब्ल्यू नागेश कुमार दत्त ने आशा कार्यकर्ताओं को अभियान के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान टीम के सदस्य यदि किसी के शरीर पर दाग या धब्बा पाए जाने पर उनसे तीन सवाल करेंगे. पहला सवाल यह होगा कि दाग जन्म से तो नहीं है. दूसरा सवाल होगा कि दर्द भी रहता है या नहीं. वहीं, तीसरा सवाल होगा कि खुजलाहट होती है या नहीं. अगर कुष्ठ के लक्षण वाले मरीज मिले तो उसकी जांच की जाएगी. जांच में कुष्ठ होने पर स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका इलाज कराया जाएगा. अगर मामला गंभीर हुआ तो जिला कुष्ठ निवारण कार्यालय में उस मरीज को रेफर करने किया जायेगा. मौके पर सदर प्रखंड के स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह भी मौजूद रहे.
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