हाइकोर्ट ने एसकेएमयू में राजनीति विज्ञान के एडहाॅक व्याख्याता बहाली पर लगायी रोक
दुमका कोर्ट. झारखंड उच्च न्यायालय ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से संबंधित अंतरिम आदेश की सुनवाई में याचिकाकर्ता के संशोधन आवेदन को स्वीकार कर लिया है. मामला सहायक व्याख्याता की
दुमका कोर्ट. झारखंड उच्च न्यायालय ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से संबंधित अंतरिम आदेश की सुनवाई में याचिकाकर्ता के संशोधन आवेदन को स्वीकार कर लिया है. मामला सहायक व्याख्याता की तदर्थ नियुक्ति से संबंधित है. याचिकाकर्ता डॉ प्रिशिला सोरेन ने आरोप लगाया था कि सहायक व्याख्याता के स्थान पर ही फिर से तदर्थ सहायक व्याख्याता की नियुक्ति की जा रही है, जो सरासर गलत है. उच्च न्यायालय ने प्रभा गोराई बनाम झारखंड राज्य में उच्च न्यायालय ने स्पष्ट उल्लेख किया है. डब्ल्यूपी(एस) संख्या 548/2021 में न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया कि तदर्थ सहायक प्रोफेसरों के शिक्षण संकायों की नियुक्ति, प्रतिस्थापन और हटाने की एक समान नीति होनी चाहिए, लेकिन प्रतिवादी विश्वविद्यालय द्वारा ”राजनीति विज्ञान” समेत विभिन्न विषयों में तदर्थ सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित करना पारित आदेशों का सीधा उल्लंघन है. इस आधार पर प्रतिवादी पर कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरी ओर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के अधिवक्ता शुभाशीष रसिक सोरेन ने अपने काउंटर एफिडेविट के माध्यम से न्यायालय को बताया कि यह पहला मौका है जब आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है. याचिकाकर्ता के संविदा अवधि भी समाप्त हो चुकी है. न्यायालय ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि राजनीति विज्ञान के विषय को छोड़कर अन्य विषयों में बहाली प्रक्रिया जारी रहेगी, क्योंकि याचिका की आवेदिका राजनीति विज्ञान से संबंधित है. केस की अगली सुनवाई 19 जून को निर्धारित की गयी है.
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