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हजारीबाग शहर 19 घंटे तक ब्लैक आउट

रामनवमी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के नाम पर 15 दिनों से हो रही थी मरम्मत, सब फेल

प्रतिनिधि, हजारीबाग

रामनवमी में दशमी और एकादशी जुलूस को लेकर 19 घंटे तक शहर की

रामनवमी में निर्बाध बिजली आपूर्ति के नाम पर 15 दिनों से हो रही थी मरम्मत, सब फेल

प्रतिनिधि, हजारीबाग

रामनवमी में दशमी और एकादशी जुलूस को लेकर 19 घंटे तक शहर की बिजली काट दी गयी. 19 अप्रैल को पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों सुबह 5.30 से रात के 12 बजे तक बिजली गुल रही. डीवीसी से बिजली सिंदूर स्टेशन पहुंचती है. सुबह 5.30 बजे सिंदूर सब स्टेशन से बिजली काट दी गयी. इससे बिजली आपूर्ति होने वाले शहर के सभी सब स्टेशन में बिजली बाधित हो गयी. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग जहां सैकड़ों मरीज इलाजरत हैं, वहां की भी बिजली 19 घंटे तक कटी रही. मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ विनोद ने बताया कि हॉस्पिटल के दो जेनरेटर में चार सौ लीटर के करीब डीजल की खपत हुुई. लगातार जेनरेटर चलने के करण एक जेनेरेटर खराब हो गयी. शहर में सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में भी मरीजों को परेशानी हुई. छडवा डैम सब स्टेशन जहां की बिजली से शहर के दो लाख लाेगों के घरों में पाइप से पेयजल की आपूर्ति होती है, वहां भी बिजली बाधित हो गयी. डेमोटांड़ सब स्टेशन जहां की बिजली बंद होने से एक सौ से अधिक कल-कारखाने व फैक्ट्री की भी बिजली कट गयी. डेंटल कॉलेज डेमोटांड़, कई निजी अस्पताल जहां मरीज इलाजरत थे, वहां भी बिजली कटने से परेशानी हुई. बड़ी-बड़ी फैक्ट्री के उत्पादन पर पूरा असर पड़ा. हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र के 36 वार्ड के सौ से अधिक मोहल्ले, जहां दो लाख से अधिक आबादी है, बिजली कटी रही. शहर के हीराबाग सब स्टेशन, लोहसिंघना सब स्टेशन, मिशन सब स्टेशन, सिलवार सब स्टेशन के अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र की बिजली कटी रही. तापमान 38 डिग्री सेल्सिस था. इसमें बिजली कटने से बुजुर्ग महिला-पुरुष और बच्चे घर में रहकर भी परेशान थे. शहर के व्यवसायियों पर भी इसका असर पड़ा. गर्मी के दिनों में आइसक्रीम का व्यापार करने वाले दुकानदार ने कंपनी के कोल्ड स्टोरेज लेजाकर सभी अपने आइसक्रीम को बचाया. जबकि रामनवमी के दौरान बिजली के रहने से लाखों का कारोबार होता जो नहीं हो पाया. दवा दुकानदार भी जनरेटर और बैट्री से फ्रीज चला कर जरूरी दवाओं को बचाये. घरों में भी लोग विशेष कर जो बीमार थे, उन्हें भी काफी परेशानी हुई.

19 घंटे बिजली नहीं रहने से क्या हुआ नुकसान

रामनवमी जुलूस को लेकर 19 घंटे तक बिजली बंद रहने से शहरी क्षेत्र और व्यावसायिक इलाकों में हजारों जेनरेटर चल रहे थे. इसमें लाखों रुपये के डीजल की खपत हुई. बड़े व्यवसायी सबसे अधिक प्रभावित हुए, क्योंकि फैक्ट्री में जनरेटर में सबसे अधिक तेल की खपत हुई. इससे फैक्ट्रियों से उत्पादित सामान की कीमत आम लोगों पर जोड़ी जायेगी. शहर में सैकड़ों अपार्टमेंट हैं, जहां जेनरेटर चलाकर लोग पानी स्टोर कर पाये. घर और अस्पताल में रहने वाले बीमार व्यक्तियों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा.

हर साल तार अंडरग्राउंड होने का मिलता है आश्वासन :

पिछले कई वर्षों से दावा किया जा रहा है कि रामनवमी जुलूस मार्ग की बिजली व्यवस्था को सुधार ली जायेगी. बिजली तार काे अंडरग्राउंड कर दिया जायेगा, लेकिन हजारीबाग के मेन रोड इंद्रपुरी चौक से खिरगांव चौक तक 11 हजार केवीए तार का अभी तक अंडर ग्राउंड नहीं किया गया. यही हाल शहर के सभी सड़कों का है.

शहर के व्यवसायियों का बड़ा सवाल

निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए मरम्मत के नाम पर 15 दिनों से क्यों काटी जा रही थी बिजली?

प्रभु निवास के मालिक व्यवसायी भैया अभिमन्यु प्रसाद, व्यवसायी जितेद्र जैन और बटेश्वर मेहता ने पत्रकार सम्मेलन कर रामनवमी जुलूस के दौरान बिजली काटने पर सवाल उठाया है. रामनवमी जुलूस के नाम पर शहर की बिजली व्यवस्था में मरम्म्त को लेकर 15 दिनों तक घंटों बिजली काटी गयी, लेकिन जुलूस के दिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ. अब शहर की बिजली नहीं काटी जाय, थोड़ी सी बारिश होने व हवा चलने पर बिजली क्यों काटी जाती है. मरम्मत के नाम पर कितनी राशि खर्च की गयी, यह भी विभाग सार्वजनिक करें.

कोट

जिला प्रशासन के आदेश पर 19 अप्रैल की सुबह 5.30 बजे से बिजली काटी गयी. जुलूस समाप्त होने के बाद रात एक बजे तक बिजली स्टोर की गयी.

– आरपी सिंह, अभियंता, हजारीबागB

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