मुझे कितना प्यार है तुमसे-अपने ही दिल से पूछो तुम…

मुझे कितना प्यार है तुमसे-अपने ही दिल से पूछो तुम...

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 4:01 PM
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संगीत कला महाविद्यालय में सुर सम्राट मोहम्मद रफी की 44वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया गया. इस अवसर पर रफी साहब को उनके गीतों से श्रद्धांजलि दी गयी. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपविकास आयुक्त पशुपति नाथ मिश्र, नप की पूर्व अध्यक्षा अनिता दत्त, एमपी केशरी, संजय सोनी, उमेश कश्यप, मेराल प्रखंड प्रमुख दीपमाला, दौलत सोनी व राज कुमार मद्देशिया ने संयुक्त रूप से मोहम्मद रफी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर उप विकास आयुक्त पशुपति नाथ मिश्र ने कहा कि मोहम्मद रफी संगीत प्रेमियों के दिलो से कभी जुदा नही होंगे. उनकी गायकी के बारे में कुछ भी कहना सूरज को दीपक दिखाने जैसा है. अनिता दत्त ने कहा कि मो रफी की गायकी ने सरहद और मजहब की सीमा को मिटा दिया. मेराल प्रमुख दीपमाला ने कहा कि रफी साहब श्रद्धांजलि कार्यक्रम में लगातार शामिल होती रही हैं. एमपी केशरी ने कहा कि रफी साहब का गीत मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा…आज जीवंत हो जाता है. उमेश कश्यप ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों में गढ़वा जिला अव्वल है.

उपस्थित लोग : इस अवसर पर रुद्र नारायण पांडेय, लालमनी विश्वकर्मा, प्रियंका कुमारी, ज्योति कुमारी, सुनेश विश्वकर्मा, पंकज कुमार, नेहा कुमारी, मुस्कान पांड सहित काफी संख्या में छात्र छात्राएं अभिभावक एवं कलाप्रेमी उपस्थित थे.

इन्होंने दी गीतों से श्रद्धांजलि : कार्यक्रम की शुरुआत कौशल रवि ने पुकारता चला हूं मैं गली-गली बहार की.., रंजीत किशोर ने बदन पे सितारे लपेटे हुए.. एवं पूर्णिमा के साथ इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले.., राजकुमार यादव ने आप आये बहार आयी.., खुशी कुमारी एवं राजकुमार यादव ने कोयल बोली दुनिया डोली.., खुशी कुमारी एवं रंजीत किशोर ने मुझे कितना प्यार है तुमसे-अपने ही दिल से पूछो तुम… धर्मेद्र कुमार एवं नुसरत ने यूं ही तुम मुझसे बात करती हो.., वरिष्ठ कलाकार गोपाल प्रसाद कश्यप ने तुम मुझे यू भुला ना पाओगे .., दीपमाला एवं राजकुमार यादव ने छुप गये सारे नजारे,.. तथा दीपमाला एवं गोपाल कश्यप ने बेखुदी में सनम उठ गये जो कदम… विजय प्रताप देव ने पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा जाना,…लाल बहादुर सिंह ने आने से उसके आये बहार… जैसे गानों से रफी साहब को श्रद्धांजलि दी. वहीं इन गीतों ने अतिथियों एवं श्रोताओं का मन मोह लिया. मंच संचालन राजकुमार मधेसिया ने किया.

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