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जॉब टेकर नहीं, जॉब गिवर बनेंगे आइआइटी आइएसएम के छात्र : निदेशक

मुख्य संवाददाता, धनबाद.

आइआइटी आइएसएम के नये निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने कहा कि जेइइ एडवांस क्लियर कर छात्र आइआइटी आइएसएम में छात्र आते हैं. निश्चित रूप से वे इंटेलिजेंट

मुख्य संवाददाता, धनबाद.

आइआइटी आइएसएम के नये निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने कहा कि जेइइ एडवांस क्लियर कर छात्र आइआइटी आइएसएम में छात्र आते हैं. निश्चित रूप से वे इंटेलिजेंट होते हैं. ऐसे छात्रों को लॉट ऑफ स्टार्टर से जोड़ने का प्रयास करेंगे. छात्रों को जॉब टेकर की जगह जॉब गिवर बनाने के लिए संस्थान में सकारात्मक वातावरण विकसित करने पर काम करेंगे. इससे धनबाद की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी. पदभार लेने के बाद गुरुवार को पहली बार निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा : क्लाइमेट चेंज होने के कारण तापमान लगातार बढ़ रहा है. वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड प्रचुर मात्रा में है. इसको कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी कंपोनेंट पर काम करने की जरूरत है. भौगोलिक रूप से यहां एनर्जी के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं. धनबाद में कोयला का बड़ा भंडार है. लेकिन वर्तमान में कोयला से ग्रीन एनर्जी नहीं मिलती है. संस्थान में ऐसे शोध को बढ़ावा दिया जायेगा, जिससे कोयला से ग्रीन एनर्जी का उत्पादन हो.

हेल्थ केयर क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देगा संस्थान :

प्रो मिश्रा ने कहा कि हेल्थ केयर क्षेत्र में भी शोध करने की आवश्यकता है. पहले मैनुअल ऑपरेशन होता था. अब रोबोटिक सर्जरी हो रही है. हेल्थ केयर के क्षेत्र में इस्तेमाल होनेवाली मशीनरी को मंगाने में काफी खर्च होता है. इसलिए देसी टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए संस्थान में शोध को बढ़ावा दिया जायेगा.

बैटरी से चलने वाली गाड़ी का बाजार विकसित होने में लगेंगे 15 साल :

बैटरी से चलने वाली गाड़ी का बाजार डेवलप होने में और 15 साल का समय लगेगा. पेट्रोलियम प्रोडक्ट का डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम काफी अच्छा है. हर जगह पेट्रोल पंप है. बैटरी से चलने वाली गाड़ी लोग डर से खरीदना नहीं चाहते हैं. अगर जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन खोला जोयगा, तो बैट्री गाड़ी का बाजार अच्छा हो जायेगा. इससे प्रदूषण से भी लोगों को राहत मिलेगी.

प्रोफाइल :

प्रो मिश्रा ने आइआइटी दिल्ली-आबू धाबी कैंपस में डीन, रिसर्च एंड एक्सटर्नल एंगेजमेंट और एसोसिएट डीन (आरएंडडी) के रूप में भी काम किया है. वह कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स के दिल्ली सेक्शन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उनकी शोध विशेषज्ञता पावर सिस्टम, पावर क्वालिटी स्टडीज, रिन्यूएबल एनर्जी और स्मार्ट ग्रिड के क्षेत्रों में है. प्रो मिश्रा ने टाटा पावर, माइक्रोटेक और अन्य के साथ कई महत्वपूर्ण औद्योगिक परामर्श भी किये हैं. वह कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत सिलोव सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक हैं. इन्होंने कई अवार्ड भी जीते हैं.

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