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कालरात्रि की पूजा आज, आराधना में डूबा शहर

किशनगंज.नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को माता के छठे शक्ति रूप कात्यायनी की भक्तिपूर्वक पूजा हुई. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में पहुंचे. लोगों ने घरों

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 7:56 PM

किशनगंज.नवरात्र के छठे दिन मंगलवार को माता के छठे शक्ति रूप कात्यायनी की भक्तिपूर्वक पूजा हुई. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में पहुंचे. लोगों ने घरों में भी पूजा अर्चना की. संध्या में बड़ी संख्या में महिलाएं पूजा पंडालों व मंदिरों में दीप जलाने पहुंचीं. बुधवार को सप्तमी के अवसर पर मंदिर का पट खुलने का इंतजार है जब माता के दर्शन होंगे.

संध्या आरती में भारी भीड़

पूरे जिले में नवरात्र को लेकर भक्ति का माहौल है. शक्ति की आराधना पूरे धूमधाम से हो रही है. जहां लगातार भक्तों का आगमन जारी है. मंगलवार को संध्या आरती के समय भक्तों की भीड़ उमड़ी. श्रीदुर्गा सप्तशती के पवित्र मंत्रों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है. पुरोहित जगन्नाथ ने बताया कि नवरात्रि के छठे दिन माता के कात्यायनी रूप की पूजां हुई मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. माता के स्मरण मात्र से असंभव कार्य संभव हो जाते हैं. कात्यायनी माता पार्वती के कई नामों में से एक है. माता पार्वती के अन्य नाम है उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेमावती व ईश्वरी आदि ज्यादातर कात्यायनी देवी को अत्याचारी राक्षस महिषासुर के वध के रूप में देखा जाता है.

आज होगी मां कालरात्रि की पूजा

आज बुधवार को माता के कालरात्रि रूप की पूजा होगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता कालरात्रि की पूजा-अर्चना करने से सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं. तंत्र-मंत्र के साधक मां कालरात्रि की विशेष रूप से पूजा करते हैं. वहीं, मां काली की आराधना करने से व्यक्ति भयमुक्त हो जाता है. साथ ही या भी माना गया है कि मां काली अपने भक्तों की अकाल मृत्यु से रक्षा करती हैं.

ऐसा है मां का स्वरूप

मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली है. मां कालरात्रि के शरीर का रंग एकदम काला है. उनके सिर के बाल बिखरे हुए हैं. तीन आंखें हैं. उनके गले में मुंड माला रहती है. नासिका के धास प्रचास से अग्नि की जशालाएं निकलती रहती हैं. उनका वाहन गर्दभ है. ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से वर प्रदान करती हैं तो नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में गाता है. बायी तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कोटा और नीचे वाले हाथ में लोहे की कटार राहती है. इसी कारण इनका एक नाम शुभकारी भी है. मां कालरात्रि की पूजा करने से समस्त दुखों का नाश हो जाता है. साथ ही उनकी आरती करने और मंत्रों का जाप करने से जीवन में खुशियां आली हैं. मां कालरात्रि को मापयोगिनी माउयोगिचरी भी कहा जाता है. माता कालरात्रि को काली, चंडी, धूम्रवणां चामुंडा आदि नामों से भी जाना जाता है. माता काली भूत, पिसाच, प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती है.

शहर में बड़ी चहल-पहल

जिले में नवरात्र को लेकर शहर के बाजारों में काफी चाल पाल देखी जा रही है. बाजार खरीदारों से गुलजार हो चुके है लेकिन इन सबके बीच सड़कों पर खरीदारों की भारी भीड़ से जाम की समस्या भी देखी जा रही है. नवरात्र पर पूजन सामग्री और फल की दुकानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. बाजारों में कपड़े, जूते और साज सज्जा की दुकानों पर काफी भीड़ देखी जा रही है. लोग बाजारों में देर रात तक खरीददारी करते नजर आ सकते है. मंगलवार को शहर के विभिन्न स्थानों पर सदर थाना पुलिस के द्वारा वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया. सदर थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने वाहन चेकिंग अभियान चलाया.

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