कांवरिया पथ से हटाया गया अतिक्रमण, श्रद्धालुओं को होगी सुविधा

प्रतिनिधि, संग्रामपुर. 22 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला प्रारंभ हो जायेगा. इसकी तैयारी को लेकर डीएम के निर्देश पर सोमवार को सीओ निशीथ नंदन के नेतृत्व में संग्रामपुर प्रखंड

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2024 10:47 PM
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प्रतिनिधि, संग्रामपुर. 22 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला प्रारंभ हो जायेगा. इसकी तैयारी को लेकर डीएम के निर्देश पर सोमवार को सीओ निशीथ नंदन के नेतृत्व में संग्रामपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले 12 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ में स्थाई व अस्थाई रूप से किये गये अतिक्रमण को हटाया गया. सीओ ने मनिया, कुमरसार, लोढ़िया, गोविंदपुर, खैरा सहित अन्य जगहों पर बने अवैध झोपड़ी, बांस बल्ले से बने अस्थाई दुकानें, कांवरिया पथ पर दुकान के आगे बनाये गये कांवर स्टैंड, दुकान के आगे कांवरिया पथ पर रखे गये चौकी, पथ पर लगाये गये झरने को संग्रामपुर पुलिस की मदद से हटाया. अतिक्रमण हटाये जाने से अस्थाई दुकानदारों में मायूसी देखी गयी. सीओ ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों को कांवरिया पथ में असुविधा नहीं हो, इसे लेकर कांवरिया पथ से अतिक्रमण हटाया गया. साथ ही कांवरिया पथ पर बालू बिछाने का भी कार्य शुरू कर दिया गया, ताकि श्रावणी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े. मौके पर पुलिस बल के जवान मौजूद थे.

धर्मशाला के रंगरोगण का कार्य अवरुद्ध

संग्रामपुर. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में महज पांच दिन शेष रह गया है और प्रशासनिक स्तर पर तैयारी भी युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दी गयी है. मेला की तैयारी को लेकर कच्ची कांवरिया पथ व सरकारी धर्मशाला में रंगरोगण का कार्य चल रहा है, लेकिन कार्य में लगे संवेदक की उदासीनता के कारण रंगरोगण कर रहे मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. विरोध में कर्मियों ने सोमवार को कार्य बंद कर दिया. मजदूरों ने सीओ से गुहार लगाया कि संवेदक द्वारा मजदूरी की राशि का भुगतान नहीं किए जाने से घर के राशन-पानी का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है और भूखे पेट काम करना पड़ रहा है. मजदूरों ने कहा कि संवेदक से जब भी पैसे की मांग के लिए कॉल करते हैं तो बिना कुछ सुने ही कॉल काट दिया जाता है और कहा जाता है कि रंग-रोगण का कार्य ठीक ढंग से नहीं हुआ है. संवेदक द्वारा पैसा देने के नाम पर आज-कल की बात कहकर बहाना बनाया जा रहा है. ऐसी स्थिति में समय से पहले रंगरोगण का कार्य करना मुश्किल सा हो रहा है.

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