katihar news : तीसरे दिन भी धरना पर डटे रहे एलआइसी अभिकर्ता
कटिहार. भारतीय जीवन बीमा अभिकर्ता महासंघ के आह्वान पर चार दिवसीय विश्राम दिवस सह धरना कार्यक्रम के तहत गुरुवार को तीसरे दिन भी अभिकर्ताओं ने हड़ताल जारी रखकर प्रदर्शन किया.
कटिहार. भारतीय जीवन बीमा अभिकर्ता महासंघ के आह्वान पर चार दिवसीय विश्राम दिवस सह धरना कार्यक्रम के तहत गुरुवार को तीसरे दिन भी अभिकर्ताओं ने हड़ताल जारी रखकर प्रदर्शन किया. प्रमुख मांगों के आलोक में एलआइसी मुख्य शाखा कार्यालय, कटिहार व तीन सेटेलाइट शाखाएं क्रमशः मनिहारी, गेड़ाबाड़ी व बारसोई के समक्ष भी कटिहार शाखा के तमाम अभिकर्ताओं ने तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी. मंडल अध्यक्ष निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि 31 वर्षों से एलआइसी का कार्य कर रहा हूं. पर एक साथ इतना बड़ा परिवर्तन किसी भी सरकार अथवा बीमा प्रबंधन के उच्च पदों पर आसिन लोगों द्वारा नहीं की गयी थी. एक सितंबर 1956 में भारतीय जीवन बीमा निगम का गठन हुआ था. एक सितंबर 2024 को 68 वर्ष पूरा हो चुका है. विगत 68 वर्षों में अभिकर्ताओं के कमीशन स्ट्रक्चर में कोई भी सरकार या बीमा प्रबंधन ने छेड़छाड़ नहीं किया था. न ही क्लोबैक जैसा काला कानून हम अभिकर्ताओं पर लागू किया गया था. आज देश में पढ़े-लिखे करोड़ों युवा बरोजगार हैं. ऐसी परिस्थिति में हम देश के 14 लाख अभिकर्ता दिन-रात कड़ी मेहनत करके एलआइसी का कोष मजबूत करते हुए अपने घर परिवार को चलाते हैं. पर आज 14 लाख अभिकर्ताओं के कमिशन स्ट्रक्चर में चेंजिंग एवं क्लोबैक जैसा काला कानून लागू करके धीरे-धीरे हम अभिकर्ताओं को छटनी ग्रस्त एवं घर वापसी का रास्ता दिखाया जा रहा है. देश के चहुंमुखी विकास में भारतीय जीवन बीमा निगम का महत्वपूर्ण योगदान है. यदि ऐसा हुआ तो एलआइसी में इसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. साथ ही साथ देश के चहुंमुखी विकास भी बाधित होंगे. मौके पर निरंजन प्रसाद यादव मंडल अध्यक्ष, हरि किशोर साह शाखा अध्यक्ष, जमीद शाखा उपाध्यक्ष, ओम प्रकाश शर्मा शाखा सचिव, प्रदीप कुमार गुप्ता कोषाध्यक्ष, पंकज कुमार सिंह, सतीश कुमार सिंह, बासी दत्ता, घनश्याम शाह, कमलेश्वरी प्रसाद यादव, निभाष चौधरी, राजेन्द्र मिस्त्री, रामविलास साह, टिंकू कुमार, राजकिशोर साह, राजू झा, मनोज कुमार झा, अनिल श्रीवास्तव, जयराम जयसवाल, गुलाबचंद महलदार, संजय कुमार, तैयब अली, घनश्याम प्रसाद शाह, मनु कुमार एवं काफी संख्या में अभिकर्ता उपस्थित थे.
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