कभी भी भूधंसान की चपेट में आ सकता है राजधर पुलिस पिकेट
प्रतिनिधि, पिपरवार सीसीएल और आम लोगों को त्वरित गति से सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित राजधर पुलिस पिकेट खुद अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है.
प्रतिनिधि, पिपरवार सीसीएल और आम लोगों को त्वरित गति से सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित राजधर पुलिस पिकेट खुद अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. कभी भी भूधंसान की स्थिति आने पर पिकेट में स्थित बैरेक में रहने वाले पुलिस कर्मियों की जान आफत में पड़ सकती है. जानकारी के अनुसार पिपरवार खदान क्षेत्र के लीज होल्ड एरिया में पुलिस पिकेट स्थापित है. इस मॉनसून में भूधंसान होने से पिकेट का एक पोस्ट ही ढह गया था. यह भूधंसान धीरे-धीरे पिकेट इंचार्ज रूम और बैरेक की ओर बढ़ता जा रहा है. हल्की बारिश होने पर भी मिट्टी गिरने लगता है. बैरेक के ठीक पीछे एक पेड़, भूधंसान में धाराशायी हो चुका है. भूधंसान पिकेट की बाउंड्री तक पहुंच चुकी है. इससे पिकेट के भवन में दरारें भी पड़ चुकी है. समय रहते यदि बैरेक को स्थानांतरित नहीं किया गया तो अगली बारिश में बड़ी अनहोनी हो सकती है. जानकारी के अनुसार चार वर्ष पूर्व चतरा एसपी के आग्रह पर सीसीएल ने पुलिस पिकेट भवन का निर्माण कराया था. यहां से पिपरवार खदान का एक बड़ा हिस्सा साफ देखा जा सकता है. यहां पुलिस आसानी से बहेरा, कल्याणपुर, कारो, बिलारी, चिरैयाटांड़, हफुआ, बनहें, बेंती, कुसूमटोला आदि गांवों में सूचना पर अतिशीघ्र पहुंच सकती है. इस संबंध में पुलिसकर्मियों का कहना है कि पिकेट को कहीं अगल-बगल में स्थानांतरित किया जाये. जिससे वे अपने को सुरक्षित महसूस कर सकें और धूल गर्द से राहत मिले.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है