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कोयले की कमी से साइडिंग की खुदाई को विवश है प्रबंधन

पिपरवार.

अशोक परियोजना द्वारा छह मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद खदान में फेस की कमी है. अब सीसीएल मुख्यालय ने अतिरिक्त चार मिलियन टन

पिपरवार.

अशोक परियोजना द्वारा छह मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद खदान में फेस की कमी है. अब सीसीएल मुख्यालय ने अतिरिक्त चार मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिये जाने के बाद परियोजना प्रबंधन परेशान है. जानकारी के अनुसार विजैन के ग्रामीणों के साथ मंदिर स्थानांतरित करने पर सहमति बन चुकी है. संभवत: एक-दो दिनों में विधि-विधान से गांव के शिव मंदिर को पुनर्वास गांव कल्याणपुर स्थानांतरित कर दिया जायेगा. इसके बाद सीसीएल के पास चार मिलियन टन कोयला उपलब्ध हो जायेगा. लेकिन तब तक कोयले की जुगाड़ में प्रबंधन ने आरसीएम साइडिंग की खुदाई शुरू करा दी है. मशीनों की सहायता से साइडिंग में जमी कोयले को खोद कर निकाला जा रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार साइडिंग में लगभग दो रैक (7200 टन) कोयला उपलब्ध है. इस स्टॉक कोयले को विपरीत परिस्थितियों के लिए ही बचा कर रखा जाता है. जिसे अब उपयोग किया जायेगा. ज्ञात हो कि अशोक परियोजना में कोयले की किल्लत की वजह से आरसीएम साइडिंग दो महीने से बंद है.

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