कुख्यात पवन मंडल की गिरफ्तारी मुंगेर पुलिस के लिए बनी है चुनौती
प्रतिनिधि, मुंगेर. कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बीचागांव निवासी कुख्यात अपराधी पवन मंडल की गिरफ्तारी मुंगेर पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. जो अगस्त 2022 से पुलिस पकड़ से
प्रतिनिधि, मुंगेर. कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बीचागांव निवासी कुख्यात अपराधी पवन मंडल की गिरफ्तारी मुंगेर पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. जो अगस्त 2022 से पुलिस पकड़ से बाहर है और फरारी के बावजूद वह मुंगेर में अपना गिरोह संचालित कर रहा है. अपने ही सहयोगी मंजीत मंडल व उसके चालक चंदन मंडल की हत्या कर एक बार फिर से वह सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि मृतक मंजीत की मां गंगा देवी ने मुफस्सिल थाना में जो प्राथमिकी दर्ज करवायी है. उसमें पवन मंडल को मुख्य नामजद किया गया है.
पुलिस की मुखबिरी करते-करते बन बैठा अपराधी
पवन मंडल 2010-11 में कासिम बाजार थाना के लिए मुखबिरी का काम करता था. इस कारण उसकी पैठ अन्य थानों की पुलिस से भी हो गयी थी. धीरे-धीरे उसने अवैध हथियार व कारतूस का धंधा शुरू किया. इसके बाद उसने गिरोह बना कर इस धंधा को परवान पर पहुंचा दिया. पुलिस का सिर पर हाथ रहने के कारण वह कासिम बाजार थाना क्षेत्र में जमीन कारोबार को अंजाम देने लगा. इसके बाद वह मुंगेर में संगठित आपराधिक गिरोह का संचालन करने लगा.
2015 में पंकज वर्मा की हत्या कर आया सुर्खियों में
पवन मंडल पंकज वर्मा हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया. जमीन कारोबार के विवाद में 2 फरवरी 2015 को पवन मंडल ने मकससपुर निवासी पंकज वर्मा को मरवा दिया था. उसके गिरोह के सदस्यों ने उसे अहले सुबह मकससपुर काली स्थान के समीप गोलियों से भून दिया था. इसके बाद अपराध की दुनिया का वह बादशाह बन गया. पंकज वर्मा हत्याकांड के बाद मकससपुर निवासी उत्तम शर्मा ने पवन मंडल के खिलाफ सड़क पर खुल कर प्रदर्शन किया. इस कारण मार्च 2015 में उसकी भी हत्या करवा दी. मृतक उत्तम भी पंकज वर्मा हत्याकांड का गवाह था और वह केस को लीड कर रहा था. उसकी हत्या पवन ने एसपी ऑफिस के बगल में संचालित रोस्टोरेंट में करवा दिया. वह अपने आगे किसी को होने नहीं देना चाहता है. यही कारण है कि नवंबर 2016 में उसने अपने विरोधी कुख्यात अपराधी घोषी टोला निवासी सूरज साह उर्फ झरकहवा को विजय सिनेमा हॉल में गोलियों से भूनवा दिया. झरकहवा हत्याकांड का मुख्य गवाह झरकहवा की मां मीणा देवी को भी उसने जुलाई 2017 में गोलियों से भूनवा दिया था. उसने सजा से बचने के लिए गवाहों को मरवाना और डराने का काम शुरू किया. यही कारण है कि उसे किसी भी कांड में सजा नहीं हो पायी. हालांकि, वह कई वर्षों तक जेल में रहा. जब वह जेल में बंद था तो अगस्त 2018 में एक के बाद एक 22 एके-47 मुंगेर में पुलिस ने पकड़ा. इसमें पवन मंडल का भी नाम इस कांड में जोड़ा गया. जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. उस पर कासिम बाजार थाना में 14, मुफस्सिल में 3, कोतवाली, धरहरा में 1-1 सहित कई थानों में हत्या, रंगदारी, जमीन पर कब्जा का केस दर्ज है.
दो वर्षों से चल रहा फरार, नहीं पकड़ पा रही पुलिस
वर्ष 2022 में वह कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ. जेल से निकलने के बाद उसने जमीन पर जबरन कब्जा करने की गतिविधि को तेज कर दिया. 3 अगस्त 22 को पुरानीगंज निवासी यज्ञ नारायण के घर घुसकर पवन मंडल सहित उसके गुर्गों ने मारपीट करते हुए रंगदारी की मांग की थी. जबरन जमीन लिखने को कहा. इस मामले में कासिम बाजार थाना में कांड संख्या 238/22 दर्ज किया गया. इस कांड में कई अभियुक्त को जेल की हवा खानी पड़ी, कोर्ट से जारी इश्तेहार उसके घर चिपकाया गया. गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पायी.
25 हजार का है इनामी, आज भी संचालित कर रहा गिरोह
गिरफ्तारी नहीं होने के कारण पवन मंडल पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया. पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी. वह आज भी अपना गिरोह संचालित कर रहा है. जमीन कारोबार, जमीन पर कब्जा, घर बनाने वालों और व्यवसायियों से रंगदारी वसूली के साथ ही दूसरे के नाम पर ठेकेदारी के कारोबार को अंजाम दे रहा है. हाल ही में उसने अपनी बहन की शादी की थी. इसमें शहर के कई नामी-गिरामी हस्ती व बड़े नेताओं ने शिरकत किया था.
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