कुर्साकांटा में भूमिहीन आदिवासी महिलाओं ने जताया आक्रोश, प्रदर्शन
कुर्साकांटा . प्रखंड मुख्यालय पंचायत के वार्ड संख्या 01 आदिवासी टोला बनमत्ती जहां आदिवासी परिवार को मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं होने से आक्रोश चरम पर है. मंगलवार को आदिवासी
कुर्साकांटा . प्रखंड मुख्यालय पंचायत के वार्ड संख्या 01 आदिवासी टोला बनमत्ती जहां आदिवासी परिवार को मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं होने से आक्रोश चरम पर है. मंगलवार को आदिवासी टोला की दर्जनों महिलाओं ने मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति हो को लेकर आक्रोश प्रदर्शन किया. आक्रोश प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया कि सरकारी योजना की बात करें तो केवल सरकारी बिजली हीं उक्त टोला में पहुंच सका है. वहीं आदिवासी टोला नल का जल, सड़क, शौचालय सहित अन्य आवश्यक सुविधा जिसे लेकर सरकार निरंतर प्रयासरत है नहीं पहुंची है. वहीं बात करें प्राथमिक शिक्षा की तो आदिवासी टोला के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र हो या फिर प्राथमिक विद्यालय लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर जाना पड़ता है. आदिवासी महिलाओं का कहना कि मजदूर परिवार होने के कारण सुबह हीं परिजन रोजी रोटी को लेकर मजदूरी करने निकल जाते हैं. जिससे छोटे छोटे बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र या फिर स्कूल नहीं जा पाते हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि विगत लगभग 50 वर्षों से आदिवासी टोला में आदिवासी परिवार का आवासन हो रहा है. उसके बावजूद किसी भी तरह की मूलभूत सुविधा का नहीं होना समझ से पड़े है. इसके बावजूद आदिवासी परिवार को उम्मीद है कि एक न एक दिन सरकार हमें भी बासगीत पर्चा, अभियान बसेरा सहित अन्य संचालित महत्त्वाकांक्षी योजना आदिवासी टोला तक पहुंचेगी. हालांकि महिलाओं ने बताया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत कुछ परिवारों को शौचालय मिला है. लेकिन अन्य आवश्यक सुविधा से आदिवासी टोला अमूमन महरूम ही रहा है. आक्रोश प्रदर्शन में शामिल फुलमनी हंसदा, सुशीला मरांडी, शर्मिला मुरमूर सहित दर्जनों महिलाओं ने बताया कि विगत दिनों प्रखंड मुख्यालय में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में मौजूद जिला पदाधिकारी से भी आदिवासी टोला की दयनीय स्थिति से अवगत कराया गया था. आश्वासन भी मिला की समस्याओं का समाधान शीघ्र हीं किया जायेगा. लेकिन महीनों बीते अबतक सरकारी महकमा के कोई भी नुमाइंदा आवश्यकता की पूर्ति तो दूर देखने भी कोई नहीं पहुंचा. वहीं भूमि नहीं होने के कारण आदिवासी टोला के दर्जनों परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से भी महरूम हैं. आक्रोशित महिलाओं ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी जमकर भड़ास निकाला. बता दें कि आदिवासी टोला में मतदाताओं की बात करें तो उसकी संख्या एक सौ के पार है. आक्रोशित महिलाओं ने जिला पदाधिकारी से आदिवासी टोला में आवश्यक मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाये.