लूटे गये नगद राशि व मोबाइल को पुलिस ने बरामद कर पीड़िता को सौंपा
सहरसा दो माह पूर्व भारतीय स्टेट बैंक से रुपया निकासी के बाद एक अवकाश प्राप्त शिक्षिका से पर्स छीन लिया गया था. जिसमें बैंक से निकासी की गयी 75 हजार
सहरसा दो माह पूर्व भारतीय स्टेट बैंक से रुपया निकासी के बाद एक अवकाश प्राप्त शिक्षिका से पर्स छीन लिया गया था. जिसमें बैंक से निकासी की गयी 75 हजार रुपया मोबाइल फोन एवं अन्य सामान था. घटना का आवेदन पीड़िता के द्वारा सदर थाना को दिया गया था. जिसपर मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था. पुलिस द्वारा घटना की जांच टेक्निकल टीम के द्वारा कराते हुए कांड में संलिप्त आरोपी को लूटे गए उक्त 75 हजार रुपया एवं मोबाइल फोन के साथ खगड़िया जिला के गोगरी जमालपुर से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी की पहचान कोढ़ा गैंग के अपराधियों के रूप में हुई थी. गिरफ्तारी के बाद सहरसा पुलिस के द्वारा दोनों अपराधी को सदर थाना लाया गया था एवं आरोपी द्वारा लूटे गए नगद राशि और मोबाइल को पुलिस ने बरामद भी कर लिया था. दोनों आरोपी को न्याययिक अभिरक्षा में भेजकर बरामद सामान को पुलिस ने जब्त कर लिया था. पीड़िता से लूटी गयी राशि एवं मोबाइल फोन की रिलीज के लिए पीड़िता के अधिवक्ता लुकमान अली ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संतोष कुमार के न्यायालय में अर्जी डालते कहा कि पीड़िता एक सेवानिवृत्त बुजुर्ग शिक्षिका है. जिससे 27 फरवरी को रुपया निकासी कर घर वापस आने के क्रम में अज्ञात अपराधियों द्वारा पीड़िता से जबरदस्ती पर्स छीन लिया गया था. जिसमें उक्त रुपया मोबाइल फोन के साथ साथ अन्य कागजात था. जिसे पीड़िता के द्वारा लिखित शिकायत पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान किया गया. अनुसंधानकर्ता पुअनि विक्की रविदास द्वारा आरोपियों को लूटे गये सामानों के साथ खगड़िया जिला के गोगरी जमालपुर बाजार से गिरफ्तार किया एवं गिरफ्तार आरोपी ने भी पीड़िता के साथ घटित घटना को स्वीकार किया था. जिससे संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी न्यायालय में समर्पित किया गया. पीड़िता काफी बुजुर्ग महिला है और पेंशन से मिलने वाले रुपया से ही उनकी दवाई एवं अन्य जरूरी काम की पूर्ति होती है. वहीं पीड़िता के मोबाइल में बहुत सारे जरूरी कागजात की फोटो एवं अपने शुभचिंतकों का संपर्क नंबर है जो मोबाइल फोन नहीं रहने के कारण पीड़िता को अपने शुभचिंतकों से बात करने में काफी दिक्कत हो रही है. इसलिए जांच अधिकारी द्वारा आरोपियों से जब्त कर रखे गए उक्त रुपया एवं मोबाइल फोन को रिलीज करने की बात रखी. जिसपर प्रभारी जिला अभियोजन पदाधिकारी सुधीर उपाध्याय ने भी दर्ज कांड के प्राथमिकी की घटना का समर्थन करते न्यायालय से कहा कि अनुसंधान के क्रम में गिरफ्तार अभियुक्त के पास से लूटे गए समान जो पुलिस ने जब्त किया है, उस सामान को न्यायालय अगर रिलीज करती है तो पीड़िता के लिए न्यायोचित होगा. जिसके बाद न्यायालय ने बैंक एवं थाने को रिपोर्ट कॉल कर पीड़िता के अधिवक्ता एवं प्रभारी जिला अभियोजन पदाधिकारी के द्वारा रखे गए तथ्यों से सहमत होकर पीड़िता का जब्त रुपया एवं मोबाइल फोन रिलीज करने का आदेश दिया. फोटो – सहरसा 35 – पीड़िता को सामान लौटाती पुलिस
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