पंडित रघुनाथ मुर्मू अवार्ड व सांवता इपिल उपाधि से नवाजे जा चुके हैं महेश्वर सोरेन
Jamshedpur News :
ओडिशा में रहनेवाले महेश्वर सोरेन को साहित्य अकादमी ने 2024 का संताली साहित्य सम्मान के लिए नामित किया है. ओडिशा के कटक जिला के जगन्नाथपुर सीएचसी में फार्मेसी ऑफिसर के पद पर नियुक्त महेश्वर सोरेन मूलत: मयूरभंज जिला के कुंडाबाई स्थित जामुडीहा गांव के निवासी हैं. 44 वर्षीय महेश्वर सोरेन का जन्म 18 जनवरी 1980 को जामुडीहा गांव में हुआ. उन्होंने स्कूलिंग और बीएससी की पढ़ाई आरडीएस महाविद्यालय कुंडाबी से पूरी की. इसके बाद आइटीआइ कटक में सरकारी विभाग में स्टेनो की नौकरी में योगदान दिया. एसआइपीएस झारपोखड़िया से फार्मेंसी में डिप्लोमा करने के बाद कटक में फार्मेसी ऑफिसर के रूप में नियुक्त हुए.साहित्य अकादमी सम्मान 2024 के लिए नामित किये गये महेश्वर सोरेन ने कहा कि उन्हें दोपहर पौने दो बजे के करीब संताली साहित्य अकादमी नयी दिल्ली के संयोजक चैतन्य माझी ने फोन कर यह खुशखबरी दी. पहले तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जल्द ही सब कुछ साफ-साफ समझ में आ गया. इसके बाद उनके पास कई फोन आये. जमशेदपुर से संताली राइटर्स एसोसिएशन के रवींद्र मुर्मू समेत कई सदस्यों ने फोनकर बधाई दी. साहित्य सम्मान ने कड़ाके की ठंड में गर्मी का एहसास करा दिया.महेश्वर सोरेन ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कई पेपरों की प्रस्तुति की है. वे कई सेमिनारों में शामिल हुए. इसके अलावा नयी दिल्ली में साहित्य अकादमी के संताली लिटरेचर में भी अपनी पेपर प्रस्तुत कर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. उनकी लिखी गयी साहित्य कई जर्नल व मैगजीन, जैसे संध्यानी, फागुन, टेटेंग, झीरमगी, आदिम-अरंग, साओएहेड अरंग, खबोब कागाज समेत अन्य अखबारों में प्रकाशित हुई है. साहित्य के अलावा उन्होंने अपने गांव-मुहल्लों में सैकड़ों बैठकों का आयोजन कर समाजहित में लोगों को काम करने के लिए प्रेरित किया. नाटक साहित्यकार के रूप में महेश्वर मुर्मू को कई मंचों से सम्मान मिला. उन्हें संताली लिटरेचर डेवलपमेंट सोसाइटी, सरत, बिरसा आदिवासी होरिजाना सांस्कृतिक समराहा, बालासोर, सरवना ट्रस्ट बीबीएसआर, बीएसटीएस सोनागादी उदाला मयूरभंज ने सम्मानित किया.ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्राइबल लैंग्वेज एंड कल्चर गवर्नमेंट द्वारा आयोजित समारोह में संताली साहित्य के लिए जुवन अनोलिया मान 2018 और ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन ओडिशा द्वारा पंडित रघुनाथ मुर्मू अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया. 2020 में संथाली भाषा विकास परिषद द्वारा महेश्वर को सांवता इपिल उपाधि से सम्मानित किया गया था. उनकी संताली फिल्म दुलाड़ मायम तथा धोरोम दोरबार काफी लोकप्रिय रही.
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