बदलते जीवनशैली में माइग्रेन जैसी बीमारी खतरनाक
आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों को तनाव से हेडेक जैसी बीमारी तेजी से पांव पसार रही है. ऐसे लोग जाने-अनजाने में माइग्रेन जैसी बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गवा रहे हैं.
मोतिहारी.आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोगों को तनाव से हेडेक जैसी बीमारी तेजी से पांव पसार रही है. ऐसे लोग जाने-अनजाने में माइग्रेन जैसी बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गवा रहे हैं. बार-बार सिर में दर्द होना, नींद नहीं आना, वोमेटिंग का बार-बार आना, चक्कर आना आदि इसके लक्षण है. उक्त बातें चिकित्सकों के आयोजित सेमिनार में उभर कर सामने आयी. कार्यक्रम का आयोजन आइएमए के अध्यक्ष डॉ आशुतोष शरण के नेतृत्व में किया गया था. प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार ने कहा कि लोग माइग्रेन की चपेट में तेजी से आ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण दिनचर्या में बदलाव और बदलता जीवन शैली भी है. कहा कि कॉमन हेडेक को साधारण हेडेक समझना कभी-कभी रोगी के लिए भारी पड़ जाता है. ऐसी स्थिति में सही डायग्नोसिस करना भी महत्वपूर्ण है. दवा का सही डोज देना ही इलाज में सहायक होगा. आइएमए अध्यक्ष डॉ आशुतोष शरण ने कहा कि माइग्रेन की समस्या से कभी-कभी ब्रेन टयूमर की स्थिति बन जाती है. बच्चों में माइग्रेन की समस्या चिंताजनक विषय है. इसके लिए कम से कम मोबाइल के इस्तेमाल के साथ अच्छी नींद में सोना इस बीमारी का समाधान है. कार्यक्रम को डॉ उदयनारायण सिंह, डॉ अतुल कुमार, डॉ दिलीप कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ यशवीर शरण, डॉ वीके सिंह, डॉ सौरभ, डॉ जितेन्द्रनाथ, डॉ संगीता सिंह, डॉ निकिता शरण सहित कई लोगों ने संबोधित किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है