मन की इच्छाओं पर नियंत्रण रखना ही जीवन में सुख का है आधार : पारसमणी
पाकुड़. शहर के बिजली कॉलोनी स्थित शिव मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई. इस आयोजन में स्थानीय और दूर-दराज की
पाकुड़. शहर के बिजली कॉलोनी स्थित शिव मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई. इस आयोजन में स्थानीय और दूर-दराज की महिलाओं ने भाग लिया. कलश यात्रा मंदिर परिसर से शुरू होकर शहर का भ्रमण करते हुए काली भाषण पोखर तक गई, जहां महिलाओं ने जल भरकर पुनः मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की. अयोध्या से आए प्रसिद्ध कथावाचक पारसमणी जी महाराज ने श्रीराम कथा के पहले दिन रामचरितमानस पर प्रवचन दिया. उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि श्रीराम कथा जीवन जीने का सच्चा संदेश देती है. कहा कि जीवन की परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, व्यक्ति को हमेशा सामान्य रहना चाहिए और अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए. महाराज ने यह भी कहा कि जीवन के उतार-चढ़ाव को सामान्य रूप से स्वीकार करते हुए व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए. वे बोले, जो व्यक्ति केवल मन के अनुसार सब कुछ करवाना चाहता है, उसका जीवन कभी सुखमय नहीं हो सकता. पारसमणी ने श्रद्धालुओं को राम कथा के माध्यम से सुखी और व्यवस्थित जीवन जीने की कला सिखाई. मंदिर के आचार्य विकास कुमार ने बताया कि श्रीराम कथा का आयोजन नौ दिनों तक किया जायेगा. यह 21 जनवरी को समापन होगा. बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में व्यापक व्यवस्थाएं की गयी हैं. पंडाल और अन्य सुविधाएं बनाई गयीं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.
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