बीएन कॉलेज में नैक मूल्यांकन के लिए अगस्त में पियर टीम आयेगी. इसको देखते हुए मूल्यांकन के निर्धारित पैमाने की अंतिम तैयारी को लेकर बुधवार को कॉलेज में मॉक ड्रिल किया गया. इस कड़ी में कॉलेज में अबतक 14 सेमिनार आयोजित किया जा चुका है. कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि मॉक ड्रिल के तहत तैयार की गयी पीपीटी का जायजा लिया गया. इसमें सभी विभाग के हेड शामिल हुए. विभागाध्यक्षों ने पीपीटी को लेकर सुझाव भी दिये. बता दें कि नैक की पियर टीम मूल्यांकन को लेकर 20 अगस्त को भागलपुर आ रही है. ——————————————- प्रेमचंद की कहानी व उपन्यास में सामाजिक परिवेश पर जोर बीएन कॉलेज में आइक्यूएसी के बैनर तले चल रहे सेमिनार सीरीज के तहत बुधवार को हिंदी विभाग में प्रेमचंद जयंती पर संगोष्ठी आयोजित किया गया. कार्यक्रम का विषय वर्तमान समय में प्रेमचंद के साहित्य की प्रासंगिकता रखा गया था. मुख्यवक्ता प्रो ब्रजभूषण तिवारी ने कहा कि प्रेमचंद को कथा सम्राट की उपाधि भागलपुर के बांग्ला लेखक शरद चंद चट्टोपाध्याय ने दिया था. डॉ राकेश रंजन ने कहा कि प्रेमचंद के प्रत्येक कहानी व उपन्यास में सामाजिक परिवेश बड़ा महत्व रखता है. उनकी सभी रचनाएं यथार्थ और सामाजिक जीवन से जुड़ी है. वहीं, कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि साहित्य के मूल संदेश को यथार्थ परक पहली बार प्रेमचंद ने ही बनाया. प्रेमचंद ने साहित्य के माध्यम से समाज में नीति व चरित्र पर बल दिया, ताकि प्रगतिशील भारत का निर्माण हो सके. डॉ दिव्या रानी ने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य से व्यक्ति व समाज का हित तभी संभव है, जब सभी के हित की बात करेंगे. उनका साहित्य नैतिक मूल्यों की याद दिलाता है. इस मौके पर डॉ आनंद कुमार, डॉ सुजाता कुमारी, डॉ फिरोज आलम, डॉ अंबिका कुमार आदि मौजूद थे.
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