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नाबालिग अपहरण मामले में अदालत ने एक दोषी को सुनायी 25 वर्ष का सश्रम कारावास, 30 हजार रुपये का लगाया अर्थदंड

- जिला व सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो वृज किशोर सिंह की अदालत ने सुनायी सजा प्रतिनिधि, सुपौल..नाबालिग लड़की अपहरण मामले में सोमवार को जिला व सत्र

– जिला व सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो वृज किशोर सिंह की अदालत ने सुनायी सजा प्रतिनिधि, सुपौल..नाबालिग लड़की अपहरण मामले में सोमवार को जिला व सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो वृज किशोर सिंह की अदालत ने मो आसिफ को दोषी करार देते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 376 (3), पॉक्सो 04 (2) के तहत 25 वर्ष व पॉक्सो सेक्सन 06 के तहत 25 वर्ष सश्रम करावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. साथ ही पॉक्सो सेक्सन 363 के तहत पांच वर्ष की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से अधिवक्ता नीलम कुमारी व बचाव पक्ष से अधिवक्ता हरेकृष्ण यादव व नंदलाल प्रसाद थे. तीन वर्ष पहले नाबालिग को किया था अपहरण. मालूम हो कि 16 जून 2021 को राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत दीवानगंज गांव की एक नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में परिजनों ने थाना में आवेदन देकर पुत्री की बरामदगी व आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं 18 नवंबर को आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया गया था. आरोपी मो आसिफ को 19 मई 2023 को माननीय उच्च न्यायालय से जमानत मिल गया था. इस मामले में डॉक्टर सहित कुल नौ लोगों की गवाही दिलायी गयी. 25 अप्रैल 2024 को न्यायालय में तारीख पर पहुंचे आरोपी मो आसिफ को न्यायाधीश के द्वारा दोषी करार देते हुए पुन: कस्टडी में ले लिया गया. क्या था मामला. राघोपुर थाना क्षेत्र दीवानगंज निवासी एक नाबालिग लड़की को कुछ लड़कों द्वारा 16 जून 2021 की संध्या अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद लड़की के पिता ने थाना में आवेदन देकर पिपरा थाना क्षेत्र के सखुआ गांव निवासी मो इस्माइल के पुत्र मो आसिफ को नाजमद अभियुक्त बनाया. आवेदन में लड़की के पिता ने बताया कि उनकी लड़की पहले अपने नानी गांव सुपौल में रह रही थी. लॉकडाउन होने पर करीब तीन चार महीनों से वो अपने गांव दीवानगंज में ही रह रही थी. उनकी लड़की अपनी छोटी बहन के साथ घर के बगल स्थित एक किराना दुकान में गयी. जहां से मो आसिफ ने अन्य तीन चार लोगों के साथ मिलकर हथियार का भय दिखाकर उसका अपहरण कर लिया. जिसकी सूचना उन्हें जब उनकी छोटी बेटी द्वारा दी गयी तो वे लोग उसे खोजने निकल पड़े, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. आवेदन में बताया गया था कि गत कई महीने से मो आसिफ उसे फोन कर धमकी भी देता था. पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर 18 जून 2021 की संध्या त्रिवेणीगंज से मो आसिफ को गिरफ्तार करने के साथ-साथ अपहृता को भी सकुशल बरामद कर लिया था.

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