Patna : पीएचसी व सीएचसी में भी होगा सर्पदंश का इलाज
संवाददाता, पटना : अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की ज्यादा घटनाएं होने व समय पर इलाज नहीं मिलने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सभी सामुदायिक
संवाददाता, पटना : अब जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की ज्यादा घटनाएं होने व समय पर इलाज नहीं मिलने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में समुचित इलाज मिलेगा. ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि सभी पीएचसी व सीएचसी केंद्रों में 24 घंटें एंटी वेनम व अन्य जरूरी दवाएं उपलब्ध रहेंगी. पीड़ित को उपचार देने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक भी मौजूद रहेंगे. इसके लिए इन ग्रामीण अस्पतालों के चिकित्सकों को भी ट्रेनिंग देने की योजना बनायी गयी है, ताकि समय रहते मरीजों का इलाज किया जा सके. वहीं जानकारों की मानें, तो हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिहार, झारखंड, यूपी समेत पूरे भार में सर्पदंश रोकथाम के 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों और विकलांगता के मामलों को आधा करने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में जिले के सीएचसी व पीएचसी में सांप काटने का सही से उपचार की व्यवस्था नहीं होने के बाद गंभीर मरीजों को जिला व मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. वहीं सिविल सर्जन डॉ मिथलेश्वर कुमार का कहना है होल ब्लड क्लॉटिंग टेस्ट की सुविधा पीएचसी व सीएचसी पर भी मिलने की योजना बनायी गयी है.
एम्स में इंट्राओकुलर लेंस लगा कर दी जा रही नयी नेत्र ज्योति
पटना एम्स का नेत्ररोग विभाग संस्थान में स्थापित अत्याधुनिक फेको मशीन के जरिये मोतियाबिंद पीड़ित मरीजों के आंखों की सर्जरी कर आइओएल (इंट्राओकुलर लेंस) लगाकर लोगों की आंखों को नयी ज्योति दे रहा है. हर साल यहां 2500 मोतियाबिंद के मरीज इस विधि के जरिये नयी ज्योति पा रहे हैं. अमेरिका निर्मित सेंचुरियन गोल्ड फेको मशीन एम्स में इंस्टाल की गयी थी. इस लेंस के लिए मरीजों को सिर्फ 2000 रुपये ही खर्च करने पड़ते हैं. जबकि प्राइवेट अस्पतालों में 50 हजार रुपये के आसपास खर्च पड़ते हैं.सर्जरी के कुछ घंटे बाद मरीज को अस्पताल से मिल जाती है छुट्टी : पटना एम्स के नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अमित कुमार का कहना है कि यहां एक साल में करीब 2500 मरीजों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गयी है. इसमें बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्ग शामिल हैं. चूंकि इस विधि में चीरा काफी छोटा होता है, इसलिए सर्जरी के कुछ ही घंटों बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है.
एलएनजेपी अस्पताल में अब मिलेंगी सस्ती दवाएं व इम्प्लांट
राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब इस अस्पताल में इलाज का खर्च और कम करने के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना अमृत दीनदयाल फार्मेसी के साथ समझौता किया है. इसके द्वारा इम्प्लांट्स, पेटेंट व महंगी जेनेरिक दवाएं 10 से 90 प्रतिशत तक छूट पर मिलेंगी. वहीं अस्पताल के निदेशक डॉ एनएन राय ने कहा कि अब मरीजों को काफी सस्ते दामों पर इंप्लांट की सुविधा मिलेगी. डॉ एनएन राय व एचएलएल लाइफकेयर के बिहार-झारखंड व ओडिशा के नोडल पदाधिकारी संजय कुमार और बिहार प्रभारी मुकेश कुमार गुप्ता बीच करार किया गया.
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