पलासी पंचायत में चरमरायी शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं

शिकारीपाड़ा. शिकारीपाड़ा प्रखंड की पलासी पंचायत में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी है. पंचायत के कई विद्यालयों का संचालन एकमात्र सहायक अध्यापक द्वारा किया जा रहा है. तीन उत्क्रमित

By Prabhat Khabar News Desk | January 9, 2025 11:13 PM

शिकारीपाड़ा. शिकारीपाड़ा प्रखंड की पलासी पंचायत में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी है. पंचायत के कई विद्यालयों का संचालन एकमात्र सहायक अध्यापक द्वारा किया जा रहा है. तीन उत्क्रमित मध्य विद्यालय समेत आठ विद्यालय संचालित रहने पर भी एक अदद उच्च विद्यालय नहीं है, जिससे पंचायत के विद्यार्थियों को उच्च विद्यालय की पढ़ाई के लिए बगल के पंचायत बांकीजोर के सरसाजोल या रानीश्वर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोहलबोना जाना पड़ता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजबांध में पदस्थापित चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त हैं. स्वास्थ्य सेवाएं एएनएम द्वारा ही दी मुख्य रूप से संचालित की जातीं हैं. जिससे ग्रामीणों ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का भी खस्ता हाल है. पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है. खराब चापानल व जलमीनार की मरम्मत हो नहीं पा रही है. लोगों पीने का साफ पानी भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है. कोट भगवानपुर के सोलर संचालित मिनी जलमीनार की सर्किट, मोटर आदि खराब है. जल्द ही खराबी को दूर कर जलापूर्ति चालू करवा दी जायेगी. जामकांदर व राजबांध के हरिजन टोला में मिनी जलमीनारों की बोरिंग में मोटर फंस जाने से बंद हैं. रामजी प्रसाद साह, पंचायत सचिव मवि राजबांध में 236 छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल दो सहायक अध्यापक पलासी पंचायत में 8 में 4 स्कूल एकमात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा है. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय पलासी में 52 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. यहां एकमात्र सहायक अध्यापक कृष्णकांत दे मौजूद हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय राजबांध में 236 छात्र छात्राएं नामांकित हैं. विद्यालय में पहली से 5 वी कक्षा तक 115 व 6 ठी से 8 वी कक्षा तक के 121 विद्यार्थियों का पठन-पाठन सहायक अध्यापक दानीनाथ मंडल व खैयारानी चक्रवर्ती द्वारा की जा रही है. प्राथमिक विद्यालय पर्वतपुर, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय जामकांदर व उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर का संचालन एक सहायक अध्यापक द्वारा की जा रही हैं, जिससे शिक्षक विद्यालय संबंधित कार्य व बैठक आदि में जाने पर विद्यालय में शिक्षण कार्य बंद हो जाता है. बच्चे विद्यालय में एमडीएम का भोजन कर व खेलकूद कर वापस घर चले जाते हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय जोगीखोप में 121 छात्र-छात्राओं को दो सहायक अध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय आसना में 166 विद्यार्थियों की पढ़ाई चार शिक्षकों द्वारा की जा रही है. प्राथमिक विद्यालय पर्वतपुर के परिसर में जर्जर भवन के गिरने की हमेशा आशंका बनी रहती है. फोटो- प्राथमिक विद्यालय पर्वतपुर के परिसर में जर्जर भवन डॉक्टर का है पदस्थापन, पर सेवा मिल रही सीएचसी में पलासी पंचायत के प्राथमिक स्वास्थ्य राजबांध में चिकित्सक नहीं रहने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र में डॉ स्वर्णप्रिया लकड़ा, एएनएम मर्शिला सोरेन व मंजू कुमारी टुडू तथा पुरुष कक्ष सेवक सुबोध टूडू व अनुबंध कर्मी लैब तकनीशियन अनुपम टुडू पदस्थापित हैं. इसमें डॉ स्वर्णप्रिया लकड़ा व पुरुष कक्ष सेवक सुबोध टूडू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिकारीपाड़ा में प्रतिनियुक्त है. चिकित्सक के नियमित रूप से नहीं रहने के कारण संबंधित एएनएम द्वारा यहां आनेवाले रोगियों सामान्य उपचार की सुविधा दी जाती है. बीमारियों के लिए उन्हें दवा दी जाती है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पोषक क्षेत्र के लोगों को बीमारी की अवस्था में इलाज के लिए सिउड़ी, बर्द्धमान आदि जगहों के निजी अस्पतालों जाना पड़ता है, जिससे उन्हें अधिक खर्च करना पड़ता है. साथ लाखों की लागत से बने पारा मेडिकल ब्लॉक भवन वीरान पड़े हैं. बेकार पड़ी हुई मेडिकल ब्लॉक पेयजल के लिए छह माह से परेशान हैं भगवानपुर के लोग प्रखंड की पलासी पंचायत के भगवानपुर में सोलर ऊर्जा द्वारा संचालित मिनी जलमीनार से छह माह से जलापूर्ति बंद हैं, जिससे ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था दूर स्थित चापानल से करना पड़ता है. पंचायत द्वारा करीब तीन वर्ष पूर्व 2.50 लाख की लागत से पुराने चापानल में सोलर ऊर्जा द्वारा संचालित टंकी लगा था. ग्राम प्रधान मंगल हेंब्रम ने बताया सोलर संचालित मिनी जलमीनार से कुछ माह जलापूर्ति के बाद खराब हो गयी थी. काफी प्रयास के बाद पंचायत द्वारा ठीक करवाया गया. कुछ दिनों तक जलापूर्ति के उपरांत करीब 6 माह से टंकी से जलापूर्ति बाधित हो गयी है. पंचायत के इसकी शिकायत भी की गयी है.पंचायत द्वारा जांच करने के बाद भी उक्त मिनीं जल मीनार की मरम्मत नही की गयी हैं. दूसरी ओर जामकांदर व राजबांध के हरिजन टोला में सोलर संचालित मिनीं जल मीनार से जलापूर्ति बाधित है . फोटो- भगवानपुर में बंद मिनी जलमीनार राजबांध से द्वारका नदी तक सड़क जर्जर सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों के अनुसार सड़क पर एक दशक पूर्व मिट्टी मोरम सड़क तथा करीब पांच वर्ष पूर्व एक किमी ग्रेड -1 सड़क बनायी गयी थी. पर वर्षा आदि कारणों से सड़क जर्जर हो गयी है. सड़क का उपयोग राजबांध, राजूपाड़ा सहित आसपास के ग्रामीण करते है. दूसरी ओर पर्वतपुर का ग्रामीण सड़क जर्जर है. विशेषकर बरसात दिनों में कीचड़ जमा हो जाता है, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क की सुविधा अच्छी नहीं रहने के कारण न तो जन प्रतिनिधि ही इलाके में पहुंचने का प्रयास करते हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी. यहीं वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन भी ढंग से नहीं हो पाता. लोगों ने गांव की सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कराने पर जोर दिया है.

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