प्रतिनिधि, बौंसी. भागलपुर-हंसडीहा नेशनल हाइवे पर भंडारीचक गांव के समीप सड़क दुर्घटना में 50 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गयी. घटना में बाइक सवार मृतक की पुत्री बाल-बाल बच गयी. जानकारी के अनुसार, बांका थाना क्षेत्र के तेलिया गांव निवासी स्व. बृजमोहन मंडल का पुत्र श्रीकांत प्रसाद मंडल अपनी इकलौती पुत्री लक्ष्मी कुमारी को लेकर बासुकीनाथ से पूजा कर घर लौट रहा था. बताया जाता है कि बौंसी थाना क्षेत्र के भंडारीचक गांव स्थित विद्यालय के समीप सामने की ओर से आ रहे तेज रफ्तार बाइक सवार ने मृतक के बाइक में जोरदार टक्कर मार दिया. घटना के बाद दोनों बाइक सवार सड़क किनारे गिर पड़े. मृतक की पुत्री के द्वारा वहां काफी देर तक आसपास के लोगों से सहायता की गुहार लगाने का भी काम किया गया. लेकिन 15 मिनट तक कोई भी व्यक्ति सहायता के लिए नहीं पहुंचा. डहुआ गांव निवासी एक ऑटो चालक ने दरियादिली दिखाते हुए मृत व्यक्ति को अपने ऑटो से रेफरल अस्पताल पहुंचाया. जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर रोहित सिन्हा के द्वारा जांच के बाद मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलने के बाद थाना अध्यक्ष सुधीर कुमार के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारी के द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बांका भेज दिया गया. हालांकि इस बीच ठोकर मारने वाला बाइक सवार अस्पताल परिसर से फरार हो गया. बताया जाता है कि उक्त बाइक सवार भी जख्मी हुआ था. पुलिस ने बाइक को जब्त कर कार्रवाई आरंभ कर दी है.
पुत्री की चीख पुकार से गमगीन हुआ अस्पताल परिसर
पिता की मौत की सूचना पर पुत्री की चीख पुकार से अस्पताल परिसर में हर व्यक्ति की आंखें नम हो गयी. रोती हुई पुत्री बार-बार अपने पिता को उठाने की गुहार लगा रही थी. एक बार उठो नी हो पप्पा की रट लगा रही पुत्री के आंख के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. उधर घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक का पुत्र गुलशन कुमार सहित अन्य परिजन अस्पताल पहुंच गये. मृतक के बड़े पुत्र निशिकांत मंडल जो पटना में रहकर पढ़ाई कर रहा है उसे भी मामले की जानकारी दे दी गयी. हालांकि, मृतक की पत्नी नीलम देवी को घटना की जानकारी अभी तक नहीं दी गयी थी. मृतक के बड़े भाई जयराम मांझी ने बताया कि छोटा भाई किसान है. मृतक के दोनों पुत्र और पुत्री अभी पढ़ाई ही कर रहे हैं.अगर पानी पीने रुकते तो बच सकती थी जान
सड़क दुर्घटना से पहले मृतक की पुत्री ने पिता से पानी पीने की बात कही थी. जिसके लिए पिता को बाइक रोकने का भी इशारा किया था. अगर मृतक बाइक रोक देता और पुत्री पानी पीने लग जाती तो शायद दुर्घटना से बच सकते थे. लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है