Ranchi News : आदिवासियों को राजनीति में अब क्षेत्रीय शक्ति बनना होगा : प्रो खाखा
रांची. लोयला प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में रविवार को फादर स्टेन स्वामी स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसका विषय था-आदिवासी राजनीति का सामाजिक और आर्थिक भविष्य. इसमें दिल्ली से
रांची. लोयला प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में रविवार को फादर स्टेन स्वामी स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसका विषय था-आदिवासी राजनीति का सामाजिक और आर्थिक भविष्य. इसमें दिल्ली से आये प्रो वर्जिनियस खाखा ने राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी राजनीति, झारखंड में इसकी शुरुआत, हासिल और चुनौतियों पर प्रकाश डाला. व्याख्यान की अध्यक्षता प्रो ज्यां द्रेज ने की.
आदिवासी क्षेत्रीय ताकत के रूप में उभरें
इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो वर्जिनियस ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी और प्रो ज्यां द्रेज जैसे दूसरे स्थानों से आये लोगों ने आदिवासी समाज के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. लेकिन दुख की बात यह है कि आदिवासी समाज के लोग ही खासकर मिडिल क्लास अब आदिवासियत से सरोकार नहीं रखते हैं. आदिवासियों को क्षेत्रीय ताकत के रूप में उभरना होगा. इसके बिना वह कुछ हासिल नहीं कर सकते हैं. प्रो खाखा ने कहा कि झारखंड में काफी पहले से आंदोलनों के माध्यम से आदिवासियों ने आवाज उठायी. चुनावी राजनीति में आदिवासियों की सहभागिता अपेक्षाकृत देर से हुई है. लेकिन 76 सालों के बाद भी अगर हम यह देखना चाहें कि चुनावी राजनीति से आदिवासियों ने क्या हासिल किया है, तो जवाब होगा कुछ भी नहीं. हां छोटी-मोटी कुछ चीजें जरूर हुई हैं. पांचवीं अनुसूची के राज्यों में राज्यपाल को यह अधिकार है कि वह चाहे तो उन कानूनों को रोक सकता है, जो आदिवासी हितों के खिलाफ है. लेकिन अभी तक किसी भी राज्यपाल ने यह नहीं किया. झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री रहे हैं. पर इसका खास फायदा आदिवासियों को नहीं मिला है.
पीयूसीएल के बारे में जानकारी दी
इससे पूर्व पीयूसीएल के अरविंद अनिवाश ने कार्यक्रम के उद्देश्य और पीयूसीएल के बारे में जानकारी दी. बगईचा के इंचार्ज फादर टॉम ने फादर स्टेन स्वामी की जीवनी और झारखंड में मानवाधिकार के लिए किये गये उनके प्रयासों के विषय में बात रखी. कार्यक्रम में फादर सोलोमन, सिस्टर लीना, फादर महेंद्र, प्रभाकर तिर्की, रतन तिर्की, ग्लैडसन डुंगडुंग, श्रीनिवास, वासवी, पुष्कर महतो सहित अन्य उपस्थित थे.
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