रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सीजीएल परीक्षा-2023 के पेपर लीक के आरोप में परीक्षा लेनेवाली एजेंसी को काली सूची में डालने के मामले में पारित आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुना. मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया.
आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने का आग्रह
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से काली सूची में डालने के जेएसएससी के 24 अप्रैल 2024 के आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने का आग्रह किया गया है. अदालत को बताया गया कि काली सूची में डालने के पूर्व एजेंसी का पक्ष नहीं सुना गया.
24 अप्रैल 2024 के आदेश को दी है चुनौती
प्रार्थी सैटेवेट इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड ने याचिका दायर की है. प्रार्थी ने जेएसएससी के 24 अप्रैल 2024 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आयोग ने परीक्षा लीक मामले में कंपनी को डिबार करते हुए तीन साल के लिए काली सूची में डाल दिया है. सीजीएल-2023 की परीक्षा 28 जनवरी को ली गयी थी, जिसमें प्रश्न पत्र लीक के आरोप में अभ्यर्थियों के विरोध के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी थी. पेपर लीक को लेकर नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद एसआइटी का गठन कर पेपर लीक की जांच शुरू की गयी थी. बाद में आयोग ने परीक्षा लेनेवाली एजेंसी को काली सूची में डाल दिया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है