रांची (वरीय संवाददाता). राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के अभियान निदेशक अबु इमरान ने कहा कि टीबी मरीजों की जांच दर बढ़ायें. साथ ही मृत्यु दर में 90 प्रतिशत और इंसीडेंस रेट में 80 प्रतिशत की कमी लायें. अबु इमरान बुधवार को एसडीसी सभागार नामकुम में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पेशेंट प्रोवाइडर सपोर्ट एजेंसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने टीबी से ग्रसित परिवार के सभी सदस्यों की जांच एवं इलाजरत मरीजों का कोई भी खर्च नहीं होने देने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा. उन्होंने कहा कि सभी इलाजरत मरीजों को निक्षय पोषण सहायता के तहत सरकार से प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि दिये जाने का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त सभी कॉरपोरेट, विभिन्न विभागों एवं गैर सरकारी संस्थाओं को निक्षय मित्र बन कर मरीजों को गोद लेकर फूड बास्केट उपलब्ध कराने का आग्रह किया. राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ कमलेश कुमार ने क्लिनिकली डायग्नोस्ड को कम करते हुए अधिक से अधिक माइक्रोबायोलॉजी कन्फर्म्ड को बढ़ावा देने का निर्देश दिया. साथ ही राज्य के चार जिलों हजारीबाग, रामगढ़, सिमडेगा एवं गुमला में अभियान को सफल बनाने में विभिन्न विभागों एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया. बैठक में उत्पल दत्त, 17 जिलों के जिला यक्ष्मा पदाधिकारी समेत स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.
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