रेलवे : पहले से काफी सुधरी है रनिंग रूम की स्थिति, और बढ़ायी जायेंगी सुविधाएं
रेलवे के रनिंग कर्मचारियों के आराम के लिए रनिंग रूम में सुविधाओं का विस्तार किया गया है. इसे और बढ़ाया जा रहा है. उक्त बातें गुरुवार को सीनियर डीइइ ऑपरेशन
रेलवे के रनिंग कर्मचारियों के आराम के लिए रनिंग रूम में सुविधाओं का विस्तार किया गया है. इसे और बढ़ाया जा रहा है. उक्त बातें गुरुवार को सीनियर डीइइ ऑपरेशन संजीव कुमार ने कही. धनबाद रनिंग रूम में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी उन्होंने गुरुवार को दी. उनके साथ सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार मौजूद थे. उन्होंने बताया कि रनिंग रूम में व्यायाम, योगा रूम, लाइब्रेरी रूम, मांसाहार व शाकाहार की अलग-अलग रसोइ है. सामग्री खरीद कर यहां रनिंग कर्मी खाना बनवा सकते हैं.
आठ घंटे लिया जा रहा काम :
सीनियर डीसीएम ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में लोकोमोटिव पायलट के कार्य की स्थित में बड़े सुधार हुए है. जब पायलट अपने मुख्यालय से बाहर होते है, तब एक यात्रा पूरी होने पर वे आराम के लिए रनिंग रूम में आते है. 2014 से पहले रनिंग रूम की हालत बहुत खराब थी. आज रनिंग रूम में काफी सुधार हुआ है. लगभग सभी (558) रनिंग रूम अब वातानुकूलित हैं. कई रनिंग रूम में फुट मसाजर भी उपलब्ध कराये जाते हैं. पायलट लोको कैब से लोकोमोटिव चलाते है. लोको पायलट के ड्यूटी घंटों के सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. यात्राओं के बाद विश्राम भी बहुत सावधानीपूर्वक प्रदान किया जाता है. ड्यूटी के घंटे निर्धारित समय के भीतर रखे जाते है. इस वर्ष जून माह में औसत ड्यूटी घंटे की अवधि आठ घंटे से कम है. केवल अति आवश्यक स्थिति में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटों से अधिक होती है.धनबाद रेल मंडल में हैं 4300 रनिंग कर्मचारी :
धनबाद रेल मंडल में 4300 रनिंग कर्मचारी हैं. 1600 रिक्त पद हैं. 1600 में से ही 800 पद एक माह पहले सृजित किया गया है. आने वाले समय में रेलवे की ओर से वैकेंसी की प्रक्रिया होनी है. रनिंग रूम में हेडक्वार्टर वाले को 16 घंटे और बाहर वालों को आठ घंटे रेस्ट करने की अनुमति है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है