रहें सावधान, अगले पांच दिनों तक लू चलने की संभावना. बढती गर्मी से 28 तक राहत नहीं,
बढती गर्मी से 28 तक राहत नहीं, पारा 41 के पार, खानपान में बरतें सावधानी. सहरसा. जिले में पिछले दस दिनों से लगातार जारी अत्यधिक गर्मी से आगामी 28 अप्रैल
बढती गर्मी से 28 तक राहत नहीं, पारा 41 के पार, खानपान में बरतें सावधानी. सहरसा. जिले में पिछले दस दिनों से लगातार जारी अत्यधिक गर्मी से आगामी 28 अप्रैल तक किसी प्रकार के राहत की संभावना नहीं है. बैसाख महीने में जेठ की तपती धूप ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है. अत्यधिक गर्मी के बीच हो रहे लोकसभा चुनाव में जहां प्रत्याशियों के पसीने नहीं सूख रहे हैं. वहीं आम लोगों का घरों से निकलना कठिन हो गया है. अहले सुबह से ही गर्मी अपने परवान पर रहती है. जैसे जैसे समय आगे बढता है, गर्मी तेज होती जाती है. जबकि मई व जून महीना अभी दूर है. पूरे अप्रैल महीने मौसम का मिजाज गर्म रहने की संभावना है. मौसम विभाग के जारी बुलेटिन में अगले पांच दिनों तक लू चलने एवं गर्मी बढ़ने की संभावना जतायी गयी है. तापमान के 42 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. गर्मी से लोगों के बीमार होने की संख्या में तेजी आ गयी है. बच्चे से लेकर युवा, बुढे सभी परेशानी झेल रहे हैं. हालत यह बन गयी है कि तेज धूप, लू एवं उमस से कहीं भी राहत नहीं मिल रही है. गर्मी में भूख गायब हो जाती है एवं प्यास सताती है. ऐसा लगता है कि सिर्फ दिन भर पानी पीते रहें. गर्मी में पेट एवं पाचन से जुड़ी समस्याएं सबसे ज्यादा होती है. जरा सी लापरवाही से उल्टी-दस्त की समस्या होने की पूरी संभावना रहती है. इस वर्ष तापमान में रोज हो रही बढोतरी अप्रैल महीने की शुरुआत में ही मौसम में बदलाव आने लगा. प्रतिदिन तापमान में बढोत्तरी होती रही. जिससे 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रिकॉर्ड किया जा चुका है. जबकि आगे गर्मी की संभावना से ही लोग परेशान हो उठे हैं. जबकि बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. गर्मी के कारण राह चलना काफी कठिन हो गया है. जबकि पूरा मई, जून व जुलाई बांकी है. मौसम विज्ञान केंद्र भी अभी राहत मिलने की संभावना नहीं जता रहा है. अगुवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक जितेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार को पारा 41 डिग्री रेकॉर्ड किया गया है. अमूनन अप्रैल महीने में इतनी गर्मी नहीं पडती है. उन्होंने बताया कि अगले 28 अप्रैल तक तापमान में बढोतरी जारी रहेगी. अगले पांच दिन तक गर्म हवा के साथ लू चलने की संभावना है. साथ ही 20 से 25 किलोमीटर की रफ्तार से तेज पछवा हवा बहने की संभावना है. बढती गर्मी में अधिक पानी, ताजा व हल्का करें भोजन ग्रामीण चिकित्सक डॉ आरबी ठाकुर ने कहा कि गर्मी में डाइट का बहुत ख्याल रखना चाहिये. ऐसी चीजें खानी चाहिए जो हल्की हो एवं आसानी से पच जाये. गर्मी में पानी का अत्यधिक सेवन एवं ज्यादा से ज्यादा फलों का सेवन करना चाहिए. जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम खायें एवं ज्यादा तेल मसाले वाले खाने से परहेज करें. गर्मी में स्वस्थ रहने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. धूप में निकलने से पहले ओआरएस का घोल या फिर कच्चे आम को पकाकर पानी के साथ लेने से लू से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि गर्मी का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ता है. बदलते मौसम में होने वाली बीमारियां उन्हें आसानी से जकड़ लेती हैं. इसलिए उनके खानपान पर खास ध्यान दें. जंक फूड, नूडल्स बिल्कुल भी न दें. दोपहर के समय बच्चों को खेलने के लिए घर से बाहर न जाने दें. आमलोगों को भी दिन भर में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. इसके अलावा जूस, दही, दूध, छाछ, लस्सी, नींबू पानी, ओआरएस का घोल, ग्लूकॉन डी पीते रहना चाहिए. इस मौसम में तरबूज, खीरा जैसे पानी वाले फल का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा संतरे, अंगूर, चेरी, आड़ू एवं आम का सेवन करना चाहिये. इन फलों का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी को आसानी से पूरा किया जा सकता है. गर्मी में हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिये. गर्मी में लौकी, करेला एवं भिंडी जैसी सीजन की सब्जियां जरूर खायें. खाने में दही, छाछ एवं लस्सी को शामिल करना चाहिये. इसके अलावा रोज नींबू पानी पियें. धूप से आने के बाद कुछ देर रूक कर पानी पियें एवं इससे भी ज्यादा जरूरी है कि आप फ्रिज के पानी पीने से बचें. घर से निकलना मजबूरी हो तो बैग में पानी की बोतल जरूर रखें. गर्मी के मौसम में शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है. इसलिए अपने बैग में पानी की बोतल जरूर रखें. गर्मियों में कैफीनयुक्त चीजों को खाने-पीने से बचें खासकर चाय के सेवन से. नाश्ते में चाय की जगह जूस लें एवं घर से बिना कुछ खाये न निकलें. फोटो – सहरसा 11 – तेज धूप से बचने का प्रयास करती लडकियां फोटो – सहरसा 12 – पिता के लिए खाना ले जाती बच्ची फोटो – सहरसा 13 – तेज गर्मी से राहत के लिए बेल शरबत पीते लोग
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