रनिया.
रनिया में औषधीय खेती की अपार संभावना को देखते हुए किसानों ने बड़े पैमाने पर लेमन ग्रास की खेती शुरू की थी. इस खेती से किसानों को अधिक आमदनी की उम्मीद थी. इसी आस में किसानों ने अपने उपजाऊ जमीन में लेमन ग्रास का पौधा लगाया, लेकिन किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. किसान अब उदासीनता के कारण लाचार नजर आ रहे हैं. खेतों में लेमन ग्रास का पौधा लहलहा रहा है, लेकिन उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे इसका क्या करें. अब यह फसल उनके लिए जी का जंजाल बन गया है. उन्हें न तो तेल निकालने के लिए कोई सुविधा मिली है और न ही बाजार के बारे में जानकारी. अब फसल खेत को खराब कर रही है. ऊसराम गांव के किसान सुदर्शन टोपनो, लहरू प्रधान, बिरजू राम, रमेश सिंह सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि अच्छी आमदनी के लालच में लेमन ग्रास खेतों में लगाया. अब लेमन ग्रास का खरीदार नहीं मिल रहे हैं. खेती बर्बाद हो गयी है. इस स्थिति में लेमन ग्रास की खेती करना हमलोगों को महंगा पड़ गया. अब इस खेत में कोई दूसरी फसल भी नहीं लगा पा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है