साइबर फ्रॉड : बेटा रेप केस में फंस गया है, बचाना है तो 75 हजार रुपये पांच मिनट में दो

प्रतिनिधि, मुंगेर. हम भोपाल पुलिस बोल रहे हैं, आपका बेटा रेप केस में फंस गया है, बचाना है तो 5 मिनट के अंदर 75 हजार रुपये भेजाे. यह साइबर ठगों

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 10:38 PM
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प्रतिनिधि, मुंगेर. हम भोपाल पुलिस बोल रहे हैं, आपका बेटा रेप केस में फंस गया है, बचाना है तो 5 मिनट के अंदर 75 हजार रुपये भेजाे. यह साइबर ठगों का भोले-भाले लोगों को ठगने का नया तरीका है. इसका शिकार मुंगेर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर निवासी राजेश कुमार सिन्हा हो गये. इसे लेकर उनके द्वारा पहले एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी गयी. इसके बाद मुंगेर साइबर थाना में आवेदन दिया गया है. वहीं मुंगेर साइबर थाना पुलिस अब मामले की जांच कर रही है. पीड़ित राजेश कुमार सिन्हा ने बताया है कि उनका बेटा मध्यप्रदेश के एलएनसीटी इंजीनियरिंग कॉलेज में बी-टेक कर रहा है. 25 अप्रैल 2024 को पूर्वाह्न 11.30 बजे उनके मोबाइल पर 9232073306 नंबर से फोन आया. जिसमें फोन करने वाले ने कहा कि मैं भोपाल पुलिस बोल रहा हूं. आपके बेटे को रेप केस में गिरफ्तार किया गया है. बेटे को बचाना है तो पांच मिनट के अंदर ऑनलाइन 75 हजार रुपये भेजो. इस दौरान फोन करने वाले ने उसे एकाउंट डिटेल भी भेजा. इस बीच उसने अपने बेटे को फोन किया तो उसका फोन स्वीच ऑफ आया. इसके बाद उसने 75 हजार रुपये किसी सितेश कुमार नाम के फोन-पे पर भेज दिया. जिसका यूटीआर नंबर 411621660688 है. पैसे भेजने के कुछ देर बाद ही उसके बेटे का फोन आया. उसने बताया कि वह क्लास में था. इस कारण उसका फोन बंद था. जिसके बाद उनके द्वारा 1930 एनसीआरपी पर कॉल कर शिकायत दर्ज करायी गयी. वहीं इसके बाद 11 जून 2024 को उनके मोबाइल पर साइबर थाना पटना से फोन आया. जिसमें बताया गया कि आपका 35 हजार रुपये होल्ड पर है. अपने नजदीकी साइबर थाना में जाकर प्राथमिकी दर्ज करा दें. इसके बाद उनके द्वारा मुंगेर साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.

कहते हैं साइबर थाना प्रभारी

मुंगेर साइबर थाना प्रभारी प्रभात रंजन ने बताया कि पीड़ित द्वारा आवेदन दिया गया है. उनका 35 हजार रुपये होल्ड पर है. साइबर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा किसी भी मामले को लेकर पैसे नहीं मांगे जाते हैं. यदि इस प्रकार का फोन आता है तो नजदीकी थाना या साइबर थाना को इसकी सूचना दें. पुलिस द्वारा पूरी मदद की जायेगी.

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