सामुदायिक बैठक से मिल रही ग्रामीण क्षेत्रो में नियमित टीकाकरण को गति

किशनगंज.गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने और टीकाकरण को गति देने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें नियमित टीकाकरण और मुख्य

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 8:23 PM

किशनगंज.गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने और टीकाकरण को गति देने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें नियमित टीकाकरण और मुख्य मंत्री कन्या उठान योजना प्रमुख हैं. इन योजनाओं के तहत न केवल नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है, बल्कि ग्रामीण समुदायों को जागरूक करने और स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं.सामुदायिक बैठकें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनती जा रही हैं. इन बैठकों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और स्थानीय समुदाय के प्रमुख लोगों की भागीदारी होती है, जो ग्रामीण जनता को टीकाकरण, संस्थागत प्रसव और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व के बारे में जानकारी देते हैं.

नियमित टीकाकरण का महत्व

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत नवजात शिशुओं को विभिन्न गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त टीकाकरण की सुविधा दी जाती है. इन टीकों में बीसीजी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, पोलियो, और खसरा जैसे खतरनाक बीमारियों से बचाव के टीके शामिल होते हैं. सामुदायिक बैठकों में यह जानकारी दी जाती है कि इन बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण कितना महत्वपूर्ण है. ग्रामीण क्षेत्रों में अब इस कार्यक्रम के प्रति जागरूकता बढ़ने से टीकाकरण दर में तेजी से वृद्धि हो रही है.

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सहयोगी संस्था एवं आशा कार्यकर्त्ता एवं एएनएम् एवं स्वास्थ्य पदाधिकारियों के सहयोग से सामुदायिक बैठकों में एक और महत्वपूर्ण पहलू संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि संस्थागत प्रसव से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है. इन बैठकों में यह जानकारी दी जाती है कि घर पर प्रसव कराने की तुलना में अस्पताल में प्रसव कराने से जच्चा-बच्चा दोनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकती हैं और जटिलताओं से बचाव संभव हो सकता है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत प्रसव के प्रति रुचि बढ़ रही है और सुरक्षित मातृत्व के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिल रही है. मातृ एवं किशोरी स्वास्थ्य योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को विशेष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं. सामुदायिक बैठकों में महिलाओं को गर्भधारण के दौरान होने वाली जटिलताओं से बचने और स्वस्थ शिशु के जन्म के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही, किशोरियों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार हो सके.सामुदायिक बैठकें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने का एक सशक्त माध्यम बन रही हैं. नियमित टीकाकरण, मातृ एवं किशोरी स्वास्थ्य योजना, और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के प्रयासों से न केवल बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति ग्रामीण समाज की सोच में भी बदलाव आ रहा है. इन प्रयासों से टीकाकरण दर और सुरक्षित प्रसव की संख्या में भी सकारात्मक वृद्धि दर्ज की जा रही है.

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