संस्कृत विश्वविद्यालय में हर 15 दिन पर होगा शास्त्रार्थ
कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने बुधवार को कहा कि अब यहां नियमित रूप से पाक्षिक शास्त्रार्थ कार्यक्रम होगा.
दरभंगा. संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने बुधवार को कहा कि अब यहां नियमित रूप से पाक्षिक शास्त्रार्थ कार्यक्रम होगा. इसके लिए विश्वविद्यालय में शास्त्र संजीवनी मंच गठित कर दिया गया है. इसके संयोजक डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री बनाये गए हैं. व्याकरण विभाग के प्राध्यापक प्रो. सुरेश्वर झा एवं प्रशाखा पदाधिकारी गोनू प्रसाद की सेवानिवृत्ति पर दरबार हॉल में आयोजित विदाई सह सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने यह बातें कही. कहा कि नियुक्ति व सेवानिवृत्ति व्यावसायिक जीवन का चक्र है. जिसकी नियुक्ति हुई है, उनकी एक दिन निवृत्ति भी तय रहती है. कुलपति ने कहा कि प्रो. झा ने 42 वर्षों तक अपनी लंबी सेवा दी है. उनके अनुभव का लाभ विश्वविद्यालय आगे भी लेगा. सेक्शन ऑफिसर गोनू प्रसाद की कार्यशैली की कुलपति ने प्रशंसा की. कुलपति ने कहा कि वे पूर्व कुलपति प्रो. वेंकटाचलम एवं प्रो. रामकरण शर्मा के आदर्शों को लेकर चल रहे हैं. प्रतिकुलपति प्रो. सिद्धार्थ शंकर सिंह ने कहा कि प्रो. झा की कार्यशैली शिक्षकों, पदाधिकारियों व छात्रों के लिये अनुकरणीय है. कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने भी विचार रखा. डॉ साधना शर्मा के संचालन में सम्पन्न कार्यक्रम में मंगलाचरण व अभिनंदन पत्र विभागाध्यक्ष प्रो. दयानाथ झा ने पढ़ा. धन्यवाद ज्ञापन डॉ एल सविता आर्या ने प्रस्तुत किया. स्वागत भाषण डॉ यदुवीर स्वरूप शास्त्री ने दिया. धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा, कुलानुशासक प्रो. पुरेन्द्र वारीक, डीएसडब्ल्यू डॉ शिवलोचन झा, साहित्य विभागाध्यक्ष डॉ रेणुका सिंहा, दर्शन विभागाध्यक्ष डॉ शम्भू शरण तिवारी, कर्मचारी नेता डॉ अनिल कुमार झा व डॉ रविन्द्र मिश्रने भी विचार रखा. यह जानकारी पीआरओ निशिकान्त ने दी है.
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