Saran News : सदर अस्पताल के ओपीडी में सौ से अधिक बच्चाें का हुआ इलाज

छपरा. ठंड का प्रकोप बढ़ते ही सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. खासकर बुजुर्ग, नवजात व बच्चे ठंड से ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 10:04 PM

छपरा. ठंड का प्रकोप बढ़ते ही सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. खासकर बुजुर्ग, नवजात व बच्चे ठंड से ज्यादा प्रभावित नजर आ रहे हैं. मंगलवार को शिशु विभाग में 100 से ज्यादा बच्चों का इलाज किया गया, जबकि मेडिसिन विभाग में भी बुजुर्ग मरीजों की संख्या 150 से ज्यादा थी. बुजुर्गों में हार्ट, बीपी, शुगर आदि की समस्या बढ़ रही है. वहीं कई नवजात बच्चों को पिकू समेत एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. नवजात बच्चों में विशेष कर निमोनिया, फेफड़ा, स्वांस, ब्रोंकाइटिस आदि बीमारी हो रही है. पांच से 15 साल के बीच के बच्चों में कोल्ड डायरिया की शिकायत भी आयी. इस संदर्भ में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप कुमार ने बताया कि इस ठंड में बच्चों में बीमारी ज्यादा फैल रही है. ठंड से बचाते हुए कुछ घरेलू नुस्खे से भी बच्चों की देखभाल करें. घर से बाहर निकलें, तो कान को जरूर ढक लें, क्योंकि सर्द हवा चल रही है, जिसका असर सीधे होता है. बुजुर्गों को भी तापमान के उतार-चढ़ाव के बीच अपने शरीर को स्वस्थ रखना है. गुनगुने पानी का उपयोग अधिक करें. नहाने के लिए भी गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिये. तकनीकी परेशानी से रजिस्ट्रेशन हुआ बाधित : मंगलवार को ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों को भी थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा. दो ही निबंधन काउंटर चालू अवस्था में थे. एक निबंधन काउंटर के कंप्यूटर में तकनीकी खराबी आ गयी थी, जिस कारण वह पूरी तरह से बंद था. ऐसे में दोनों काउंटरों पर मरीजों की लंबी कतार लग गयी. बाद में अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने मौके पर पहुंच कर बेहतर ढंग से सभी का रजिस्ट्रेशन पूरा कराया. रजिस्ट्रेशन के बाद एक-एक कर मरीजों को ओपीडी के संबंधित विभाग में भेजा जा रहा था. अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि इस समय अस्पताल में तीन सौ से अधिक दवाएं मौजूद हैं. खासकर ठंड के समय जिन दवाओं की अधिक आवश्यकता होती है उनका स्टॉक मेंटेन कर लिया गया है. ओपीडी के अलावा इमरजेंसी वार्ड में भी चिकित्सकों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है. ठंड के दौरान इन दिनों पहले व दूसरे शिफ्ट को मिलाकर औसतन सात सौ मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं जिनमें पांच सौ से अधिक मरीज पहले शिफ्ट में ही आ रहे हैं.

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