सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा

कैलाशपति मिश्र,पटना विधानसभा चुनाव को देखते हुये राजनीतिक पार्टियों ने रणनीति बनाने लगी है.इस कड़ी में एनडीए से अलग हुये रालोजपा भी अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की दिशा में

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 9:46 PM

कैलाशपति मिश्र,पटना विधानसभा चुनाव को देखते हुये राजनीतिक पार्टियों ने रणनीति बनाने लगी है.इस कड़ी में एनडीए से अलग हुये रालोजपा भी अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है. रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.इसके लिए बूथ स्तर पर बीएलओ नियुक्त करने का निर्देश दिया है. मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय जिलाध्यक्ष और राज्य पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा कि अप्रैल माह तक पार्टी प्रत्येक विधान सभा में कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी और 14 अप्रैल को पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करेगी. 14 अप्रैल को दलित सेना के नेतृत्व में भारत रत्न डा बाबा भीम राव अंबेदकर की जंयती आयोजित कर दलितों के एक जुटता का संदेश देगी. पारस ने कहा दलित उत्पीडन,चौकीदार- दफादार का शोषण और पासी समाज के पुस्तैनी व्यवसाय ताडी उत्पादन एवं विपणन का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करेगी. इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज भी मौजूद थे. राजनीतिक ठिकाना तलाश रहे हैं पारस 2021 में पशुपति पारस ने लोजपा में सेंध लगाते हुए चिराग पासवान के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था.उन्होंने रामविलास पासवान के असली उत्तराधिकारी पद पर भी दावा ठोका था.इस बगावत की वजह से लोजपा दो धड़ों में बंट गई. पशुपति पारस एनडीए में आ गये और नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री बने. इसको देखते हुये चिराग पासवान बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट नाम से यात्रा पर निकल पड़े. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने दोनों गुटों को जोड़ने की कवायद की,लेकिन पारस ने समझौते से इनकार कर दिया. आखिर में भाजपा ने पारस को छोड़ चिराग पासवान को अपने साथ ले लिया. चिराग को लोकसभा में समझौते के तहत कुल पांच सीटें मिली. चिराग इन पांचों ही सीटों पर जीतने में कामयाब रहे. पारस नहीं लड़ पाये चुनाव पशुपति पारस न तो लोकसभा लड़े और न ही किसी दूसरे गठबंधन में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव के बाद पारस अपना राजनीतिक ठिकाना तलाश रहे हैं. पिछले दिनों पारस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलकर एक नया राजनीतिक संदेश दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version