सड़क दुर्घटना में मारे गये मृतकों के परिजनों की चित्कार से गमगीन हुआ सदर अस्पताल परिसर

किशनगंज.किशनगंज- ठाकुरगंज पथ पर सड़क दुर्घटना में दो महिला सहित एक बच्ची की मौत के बाद जैसे ही शव सदर हॉस्पिटल पहुंचा परिजनों की चित्कार से माहौल गमगीन हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2024 8:49 PM

किशनगंज.किशनगंज- ठाकुरगंज पथ पर सड़क दुर्घटना में दो महिला सहित एक बच्ची की मौत के बाद जैसे ही शव सदर हॉस्पिटल पहुंचा परिजनों की चित्कार से माहौल गमगीन हो गया. एक ही परिवार में तीन की मौत के बाद परिजनों को विश्वास नहीं हो पा रहा था कि इतनी बड़ी घटना घटित हो चुकी है और तीन अपनों की मौत हो गयी है. सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया इस दौरान वहाँ परिजनों के साथ साथ गांव के लोग भी पहुंच गए. जो भी इस घटना के बारे में सुनता वह विचलित हो उठता.

मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

घटना के संबंध में बताया जाता है कि सिंहिया कुलामनी निवासी नूर जमाल अपनी 25 वर्षीय पत्नी नाहिदा बेगम, 21 वर्षीय साली सबीनाज और एक वर्षीय बच्ची को लेकर स्कूटी से किशगनंज जा रहे थे. इस दौरान पोठिया प्रखंड के अर्राबाड़ी धुमनियां के समीप एक अनियंत्रित तेज रफ्तार पल्सर बाइक सवार ने स्कूटी को ठोकर मार दी. जिससे स्कूटी पर सवार लोग सड़क पर गिर गये. इस बीच सामने से आ रहे ट्रक से कुचले जाने के कारण तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी. जबकि स्कूटी चला रहा नूर जमाल गंभीर से घायल हो गया जिसका सदर अस्पताल में चल रहा है. घटना की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली. उसके बाद सभी सदर अस्पताल पहुंचे. जहां मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.बेतहाशा तेज रफ्तार वाहनों से बढ़ रहे सड़क हादसे, कई लोगों की जा चुकी है जान

किशनगंज.भागमभाग की इस दौड़ में सबको अपने गंतव्य स्थानों पर पहुंचने की जल्दी होती है. किसी को दफ्तर जाने की जल्दी है तो किसी को स्कूल और कॉलेज जाने की जल्दी है. ऐसे में कुछ लोग अनजाने में यातायात नियमों की हवा निकाल रहे हैं. तो अधिकांश लोग जानबूझ कर नियमों को ताक पर रख कर यातायात व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं. चिंतित तो वैसे लोग हो रहे हैं जो अपने यातायात नियमों का पालन कर पूरी सावधानी से वाहन चलाते हैं और सामने वाले नियमों को ताक पर रखते हुए खतरनाक तरीके से वाहन चलाते हुए सायं सायं निकल जाते हैं. लिहाजा हादसों के कारण असमय ही लोगों की जान जा रही है. विशेषज्ञों व आंकड़ों की बात करें तो अधिकांश सड़क हादसे यातायात नियमों का उल्लंघन से ही होते हैं.भीड़ से बचने के लिए किसी भी दिशा में वाहन चलाने की बात हो या बगैर हेलमेट के बाइक चलाना दोनों ही शान की बात बन गई है.और तो और सड़कों पर बाइक पर सवार नाबालिग बच्चों की रफ्तार को देख कर दिल दहल जाता है.

ऑटो व ई-रिक्शा चालकों की मनमानी पर हो नियंत्रण

सड़कों पर कुकुरमुत्ते की तरह सरपट दौड़ रही आटो व ई-रिक्शा ने अधिकांश यात्रियों को परेशानी बढ़ा दी है. व्यस्ततम इलाका हो अथवा संकीर्ण सड़क.सवारी बैठाने के लिए आटो रिक्शा चालक कोई भी हद को पार करने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं. आगे निकलने में ऑटो व ई-रिक्शा चालकों से जल्दी और किसी वाहन चालकों की नहीं होती है. अधिकाशं ऑटो चालकों में युवा से लेकर नाबालिग की संख्या अधिक है. ऐन केन प्रकारेण लाइसेंस ले प्राप्त कर अपना ना सही तो भाड़े का ऑटो रिक्शा लेकर सड़कों पर सरपट दौड़ाते हैं.लिहाजा जाम की समस्या और दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है.

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