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शराब तस्करी में दो दोषी को पांच साल की सजा व जुर्माना

प्रतिनिधि पूर्णिया कोर्ट. विशेष न्यायालय उत्पाद अधिनियम सह अपर सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार झा के न्यायालय ने शराब तस्करी की सुनवाई करते हुए दो दोषी को पांच वर्ष के कारावास

By Prabhat Khabar News Desk | April 24, 2024 7:11 PM

प्रतिनिधि पूर्णिया कोर्ट. विशेष न्यायालय उत्पाद अधिनियम सह अपर सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार झा के न्यायालय ने शराब तस्करी की सुनवाई करते हुए दो दोषी को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना प्रत्येक को अलग से लगाया. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में सजा की अवधि में छह माह की सजा अतिरिक्त जोड़ दी जायेगी. मामला उत्पाद थाना 55/ 21 से संबंधित है. इसके लिए दो अभियुक्त रानू सिंह जो सहायक खजांची थाना क्षेत्र के सुभाष नगर के रहने वाले हैं तथा दूसरे अभियुक्त संजीव कुमार जो रामनगर के रहने वाले थाना मंरगा के बताए जाते हैं. प्राथमिकी के अनुसार, मद्य निषेध अधीक्षक को मिली गुप्त सूचना के आधार पर अवर निरीक्षक हरिलाल तथा अन्य पुलिस कर्मियों के साथ तलाशी तथा छापामारी हेतु रामनगर स्थित डी के ट्रेडर्स सीमेंट की दुकान पर पहुंचे तो उक्त दोनो अभियुक्त दुकान पर बैठा था. दोनों अभियुक्त के मुंह से शराब की गंध आ रही थी तथा शराब की बोतल छिपाकर रखा हुआ था. उपरोक्त रानू सिंह तथा संजीव कुमार नामक व्यक्ति के मुंह से शराब की दुर्गंध आ रही थी. जिसे व्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच में दोनों के शराब पीने की पुष्टि भी हुई. त तलाशी के क्रम में 750 एमएल की एक बोतल में 100 एम एल विदेशी शराब भी बरामद हुआ. सभी कानूनी कारवाई करते हुए विधिवत सत्यापन कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई. मामले में चार गवाहों की गवाही विशेष लोक अभियोजक उदय कुमार केसरी ने करवाई.

शस्त्र अधिनियम के मामले में एक को दो वर्ष की सजा

प्रतिनिधि पूर्णिया कोर्ट. अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने आर्म्स एक्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए अभियुक्त धीरेंद्र चौहान को मामले में दोषी पाते हुए दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है. 4000 का जुर्माना भी लगाया है. दोनों धाराओं में जुर्माना अदा नहीं करने पर 15-15 दिन के कैद की सजा अतिरिक्त काटनी पड़ेगी. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी. उक्त मामले में अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी अमित कुमार ने अभियोजन की ओर से साक्ष्य को प्रस्तुत किया. सभी साक्ष्य के बयान एवं अभिलेख पर उपस्थित अन्य तथ्यों को देखते हुए अदालत ने अभियुक्त को मामले में दोषी पाया और सजा सुनाई.

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