समय- सीमा के भीतर दाखिल-खारिज आवेदनों का निष्पादन नहीं करने वाले सीओ व कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव ने डीएम को पत्र लिखकर मांगी रिपोर्ट. ऑफ लाइन काटे गये लगान रसीद की भी जांच व कार्रवाई के आदेश प्रतिनिधि, खगड़िया जमीन के दाखिल-खारिज के लिए
अपर मुख्य सचिव ने डीएम को पत्र लिखकर मांगी रिपोर्ट. ऑफ लाइन काटे गये लगान रसीद की भी जांच व कार्रवाई के आदेश प्रतिनिधि, खगड़िया जमीन के दाखिल-खारिज के लिए प्राप्त आवेदनों का समय- सीमा के भीतर निष्पादन नहीं करने वाले बाबुओं (सीओ, राजस्व पदाधिकारी व हल्का कर्मचारी) पर अनुशासनिक कार्रवाई होगी. बता दें कि जमीन के दाखिल-खारिज में लापरवाही बरत रहे बाबुओं पर कार्रवाई को लेकर राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक ने डीएम को पत्र लिखा है. जानकारी के मुताबिक अपर मुख्य सचिव ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि तय समय- सीमा से अधिक समय से आवेदन लंबित रखने वाले पदाधिकारी व कर्मियों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध क गठित करते हुए विभाग को उपलब्ध कराये. बता दें कि जिले में जमीन के दाखिल-खारिज की स्थिति आज से नहीं, बल्कि लंबे समय से खराब है. राज्य व जिला स्तर से एक नहीं, अनेकों बार स्थिति सुधारने यानि तय समय- सीमा के भीतर आवेदन निष्पादित करने के आदेश दिये जाते रहे हैं, लेकिन सातों अंचलों में इस आदेश की अवहेलना लगातार होती रही है. बता दें इसी साल फरवरी महीने में सातों अंचलों में पांच हजार से अधिक दाखिल-खारिज के आवेदन लंबित थे. गोगरी, बेलदौर तथा परबत्ता अंचल की स्थिति सबसे अधिक खराब थी. यहां लंबित आवेदनों की संख्या 1-1 हजार से अधिक थी. बता दें कि दाखिल-खारिज के लिए प्राप्त आवेदनों का निष्पादन 21 दिनों में करना होता है. अगर आपत्ति प्राप्त हो तो ऐसे आवेदनों को अधिकतम 63 दिनों में स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करना होता है, लेकिन जिले में 63 दिन से अधिक समय से भी बड़ी संख्या में (15 सौ से अधिक) आवेदन लंबित है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि अभी भी जिले जमीन के दाखिल खारिज की स्थिति नहीं सुधरी है. अकारण आवेदन अस्वीकृत किये तो नपेंगे राजस्व कर्मी जमीन के दाखिल-खारिज आवेदन को अकारण रिजेक्ट की तो कार्रवाई होगी. अपर मुख्य सचिव ने डीएम को बिना किसी ठोस आधार के आवेदन खारिज करने वाले कर्मी/ पदाधिकारी को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा है. बता दें कि जिले में बड़ी संख्या में जमीन के दाखिल-खारिज के लिए प्राप्त आवेदन रिजेक्ट हुए हैं. यह आंकड़ा 50 हजार से अधिक है. बताया जाता है कि जांच में बिना स्पष्ट कारण के आवेदन अस्वीकृत किये जाने की बातें साबित हो जाती है, तो इसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के आदेश दिये गए हैं. बता दें कि विभागीय अपर मुख्य सचिव ने एडीएम तथा डीसीएलआर को नियमित रूप से समीक्षा करते हुए विभाग को प्रतिवेदन देकर यह बताने को कहा है कि उक्त आदेश का अनुपालन हो रहा है अथवा नहीं. ऑफ लाइन काटे गये लगान रसीद की भी जांच व कार्रवाई के आदेश विभागीय आदेश के विपरीत ऑफ- लाइन काटे गये जमीन की लगान रसीद की जांच कर दोषी राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया है. जानकारी के विरुद्ध साल ऑफ लाइन जमीन का लगान रसीद काटने पर साल 2018 में ही रोक लगा दी गयी थी. इधर राज्य स्तर पर यह जानकारी प्राप्त हुई है कि आदेश के विपरीत अभी भी कुछेक अंचलों में गत वित्तीय वर्षों का ऑफ लाइन भू- लगान रसीद जारी किया गया है, जिसे गंभीरता से लेते हुए राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिले के डीएम को स्वयं से अथवा दूसरे दूसरे सक्षम पदाधिकारी से अंचल स्तर पर संधारित भू- लगान रसीद को एकत्रित कर जिला मुख्यालय में सुरक्षित स्थान पर संधारित करने तथा इसकी सूची विभाग को उपलब्ध कराने सहित ऑफ लाइन भू- लगान रसीद निर्गत करने वाले कर्मचारी को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं.
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