गोपालगंज. पुलिस ने यूपी के बॉर्डर बलथरी चेकपोस्ट से 50 ग्राम संदिग्ध कैलिफोर्नियम जब्त किया. यह रेडियो एक्टिव पदार्थ, जिसके कैलिफोर्नियम होने का दावा तस्करों की ओर से किया जा रहा है, पुलिस ने तस्करों के पास से एक सर्टिफिकेट भी जब्त किया. उस प्रमाण पत्र के आधार पर जब्त पदार्थ को कैलिफोर्नियम मान कर पुलिस हाइलेवल जांच में जुटी है. कैलिफोर्नियम बिजली उत्पादन के लिए काम आता है. देश के किस बिजली उत्पादन केंद्र से इतना भारी मात्रा में कैलिफोर्नियम की चोरी हुई, अब तक इसका कांड कहीं भी दर्ज नहीं किया गया है. पुलिस को तस्करों ने बताया कि वे गुजरात से लेकर बेचने के लिए ग्राहक की तलाश में जुटे थे. महीनों से डील नहीं हो पा रही थी. यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही राज थाना क्षेत्र के परसौनी बुजुर्ग निवासी चंद्रदेव प्रसाद के पुत्र छोटेलाल प्रसाद से गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के कौशल्या चौक निवासी योगेंद्र शाह के पुत्र चंदन गुप्ता और महम्मदपुर थाना क्षेत्र के कुशहर मठिया निवासी हरेंद्र राम के पुत्र चंदन राम लाइनर के रूप में काम कर रहे थे. इस दौरान वे चेकपोस्ट पर ही पकड़े गये. महीनों से परसौनी बुजुर्ग का छोटे लाल उसे बेचने के लिए हाथ-पांव मार रहा था. कुचायकोट के थानेदार सुनील कुमार, तकनीकी शाखा के प्रभारी सुजीत कुमार, प्रिंस कुमार, प्रवीण कुमार, सिपाही गुड्डू कुमार सिंह, अमिज कुमार, जितेंद्र कुमार, चौकीदार रवि कुमार, कृष्णा कुमार, अमित के अलावा एसओजी-7 व एसटीएफ की टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई में जुटी है. जब्त कैलिफोर्नियम की जांच के लिए तकनीकी वैज्ञानिकों का सहारा लिया जा रहा है. वैसे पुलिस की टीम ताबड़तोड़ छापेमारी करने में जुटी है. पुलिस की टीम पिछले 24 घंटे से इसकी जांच में जुटी है कि आखिर कैलिफोर्नियम की आपूर्ति किसने की. कैलिफोर्नियम का प्रयोग न्यूक्लीयर रिएक्टर से न्यूक्लीयर पावर के उत्पादन और साथ ही ब्रेन कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों को ठीक करने में भी होता है. इन तस्करों के पीछे कोई बड़ा रैकेट भी हो सकता है, पुलिस इसे गंभीर मामला मानकर हाइलेवल जांच कर रही है. सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खड़े हो गये हैं. खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने भी तस्करों से पूछताछ किया है. सुरक्षा एजेंसियों की ओर से भी गोपालगंज पुलिस को जांच में सहयोग किया जा रहा है. एक्सपर्ट अफसर इस पूरी कार्रवाई पर नजर रख रहे हैं. वहीं पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने बताया कि पुलिस को मिले आइआइटी मद्रास से जारी सर्टिफिकेट की जांच करायी गयी. जांच में जिस प्रोफेसर का नाम लिखा गया था. उनसे संपर्क करने पर प्रोफेसर एस मोहन ने इस सर्टिफिकेट को फेक बताया है. उनके बताने के बाद पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है. कैलिफोर्नियम है कि नहीं, अभी इसकी पूरी पड़ताल वैज्ञानिक तरीके से की जा रही है.
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