किशनगंज.न्यायालय में ससमय से केस डायरी नहीं जमा करने पर एडीजे प्रथम कुमार गुंजन ने सदर थानाध्यक्ष व केस के अनुसंधानकर्ता के जुलाई माह के वेतन में पांच हजार रूपये का भुगतान न्यायालय के अगले आदेश तक रोके जाने का निर्देश आरक्षी अधीक्षक को दिया. मिली जानकारी के अनुसार किशनगंज थाना कांड संख्या 165/2024 में आरोपित अभियुक्त मो साबिर आलम उर्फ साबिर आलम एवं नूबा खातून उर्फ नूवा खातून की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन संख्या 273/2024 सुनवाई के लिए लंबित है. यह अग्रिम जमानत आवेदन 27 मई से सुनवाई के लिए लंबित है लेकिन कई तिथियों के बाद भी मांग किये जाने के बावजूद केस डायर न्यायालय में जमा नहीं की गयी है. इस मामले में अपर लोक अभियोजक सुरेन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में कई बार स्मार पत्र भी संबद्ध एसएचओ व आईओ को भेजा गया है लेकिन आज तक निर्देश का अनुपालन करते हुए डायरी नहीं भेजी गयी है.न्यायालय ने इस मामले में ऐसा महसूस किया है कि आईओ एसआई नरेंद्र कुमार सिंह और सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने जानबूझ कर न्यायालय के निर्देश की उपेक्षा कर यहां तक शोकाउज के जवाब में वे स्पष्टिकरण भी नहीं दिया है. जिसके कारण न्यायालय ने अगले आदेश तक आरोपित आवेदक अभियुक्तों के खिलाफ कोयरसिव एक्शन नहीं लेने का निर्देश जारी किया है. ऐसी स्थिति में न्यायालय ने अनुसंधानकर्ता व थानाध्यक्ष, किशनगंज के जुलाई माह के वेतन में पांच हजार रूपये के भुगतान पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगाने का निर्देश एसपी को दिया है. जबबकि कई तिथियों में केस डायरी मांगी गई। लेकिन इसे प्रस्तुत नहीं किया गया।पिछली तारीखों पर भी संबंधित अनुसंधानकर्ता व थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था।इस कारण केस की सुनवायी में भी अरचन हो रही है।इससे संबंधित पुलिस अधिकारी की लापरवाही सामने आ रही है।इस कारण एसपी को उक्त पुलिस पदाधिकारी का जुलाई माह के वेतन में 5 हजार रुपये वेतन कटौती का निर्देश न्यायालय के द्वारा दिया गया है।
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है