सत्यजीत राय को फिर से पढ़ने की जरूरत है : चंदन पांडेय
जमशेदपुर. करीम सिटी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से शुक्रवार को कॉलेज ऑडिटोरियम में सत्यजीत राय स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस दौरान विजय शर्मा द्वारा संपादित
जमशेदपुर. करीम सिटी कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग की ओर से शुक्रवार को कॉलेज ऑडिटोरियम में सत्यजीत राय स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस दौरान विजय शर्मा द्वारा संपादित पुस्तक ””सत्यजीत राय का अपूर्व संसार”” का विमोचन हुआ. मुख्य वक्ता कथाकार चंदन पांडेय ने कहा कि सत्यजीत राय जैसी हस्ती को पुनर्पाठ करने की जरूरत है. फिल्म संसार में सत्यजीत राय बड़े नामों में से हैं. उनकी फिल्मों में बंगाली प्रभाव है.
उन्होंने कहा कि नवजागरण यूरोप में दिखा और बाद में बंगाल में भी दिखा. वैसे इस चुनाव से स्पष्ट हो जायेगा कि बंगाल ने किस गति को पाया. मुख्य वक्ता ने कहा कि सत्यजीत राय ने जो विरासत छोड़ी उससे बाद के फिल्मकार अलग हो गये. इसलिए उस दौर में जो हुआ, उसे देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हाल ही में एक लेख छपा है, जिसमें कहा गया है कि गांधी जी की हत्या से उपजे सेंटिमेंट्स को भुनाने के लिए उस समय की सरकार ने क्या किया? उस समय दूसरे थॉट को कैसे दबाया गया? इसलिए उस समय के सभी नायकों को रिचेक करने की जरूरत है.सत्यजीत की फिल्मों में नायक की खोज
उन्होंने लोकार्पित पुस्तक के बारे में कहा कि इसमें क्षमा के लेख में समानांतर सिनेमा की बात है. लेख में महानायक की खोज की बात भी है. सत्यजीत राय की फिल्मों में यह दिखाई देता है. जबकि श्याम बेनेगल की फिल्मों में नायक नहीं ढूंढ़ा जाता. पुस्तक के हर लेख में एक स्टाइल दिखाई देती है. पहले तारीफ की गयी है, बाद में कमियां गिनायी गयी हैं. उन्होंने पाथेर पांचाली, शतरंज के खिलाड़ी, सदगति जैसी फिल्मों का जिक्र किया.
पुस्तक में हैं 41 लेख
पुस्तक की संपादक विजय शर्मा ने कहा कि पुस्तकनामा प्रकाशन से यह पुस्तक आयी है. इसमें 41 लेख हैं, जिसमें 16 जमशेदपुर के ही लेखक हैं. उन्होंने कहा कि सत्यजीत राय कला, साहित्य और संस्कृति को लेकर जन्मे और इसे जीवन में आगे बढ़ाया. वे अपने पीछे मजबूत विरासत छोड़ गये, जिसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. नयी दिल्ली फिल्म फाउंडेशन के महासचिव आशीष कुमार सिंह कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए. उन्होंने सत्यजीत राय की स्मृतियां विषय पर व्याख्यान दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक अविचल ने की. करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुहम्मद रियाज ने स्वागत भाषण दिया. इसी कॉलेज के जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नेहा तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन किया. साहित्य कला फाउंडेशन की मुख्य ट्रस्टी डॉ क्षमा त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. साहित्यिक संस्था सृजन संवाद, साहित्य कला फाउंडेशन और नयी दिल्ली फिल्म फाउंडेशन का कार्यक्रम में सहयोग रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है