नयी दिल्ली/रांची. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हेमंत सोरेन द्वारा दायर याचिका को निष्पादित कर दिया है. साथ ही उन्हें अपनी बात हाइकोर्ट में रखने का निर्देश दिया है. हेमंत सोरेन ने छह मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें इडी द्वारा की गयी कार्रवाई को चुनौती दी गयी थी. साथ ही अनुरोध किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश हाइकोर्ट को दे कि मनी लाउंड्रिंग मामले में इडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर वह फैसला सुनाये. सोरेन ने गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी याचिका पर हाइकोर्ट का निर्णय आने तक लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने का भी अनुरोध किया था. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की पीठ में हुई. पीठ ने यह कहते हुए याचिका निष्पादित कर दी कि इडी की कार्रवाई से संबंधित याचिका पर हाइकोर्ट ने तीन मई को अपना फैसला सुना दिया है और सोरेन पहले ही उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुके हैं. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट में दायर यह याचिका बेकार हो गयी है. हेमंत सोरेन की ओर से मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी कर रहे थे. कपिल सिब्बल ने हस्तक्षेप करते हुए उनकी बात सुनने का अनुरोध किया. सिब्बल ने कहा कि हाइकोर्ट के पिछले सप्ताह के फैसले को चुनौती देनेवाली सोरेन की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) 13 मई को शीर्ष अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आ रही है. उन्होंने कहा कि दोनों याचिकाओं पर 13 मई को एक साथ सुनवाई की जाये. हालांकि, पीठ ने कहा कि सोरेन के वकील उस एसएलपी में समस्त दलील उठा सकते हैं, जो 13 मई को सुनवाई के लिए आयेगी. सिब्बल ने कहा, ‘भूल जाइए कि वह एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं. मुझे (सोरेन को) नागरिक के तौर पर अधिकार है कि हाइकोर्ट निष्पक्षता बरते. पीठ ने सोरेन की याचिका निष्पादित करते हुए कहा : आपने हाइकोर्ट के आदेश को एक और याचिका में चुनौती दी है. आप वहीं दलील दीजिए.
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