स्वभाव स्वच्छ्ता-संस्कार स्वच्छ्ता ” थीम को अपनाना है, घर घर को सम्मान दिलाना है
पौआखाली. स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान अंतर्गत समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने एवम स्वच्छ्ता के प्रति आम लोगों को संवेदनशील बनाने हेतु गुरुवार को चौपाल का आयोजन किया गया. ग्राम
पौआखाली. स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान अंतर्गत समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने एवम स्वच्छ्ता के प्रति आम लोगों को संवेदनशील बनाने हेतु गुरुवार को चौपाल का आयोजन किया गया. ग्राम पंचायत कनकपुर के पंचायत भवन में वार्ड संख्या 16 के स्थानीय निवासियों के साथ आयोजित चौपाल की अध्यक्षता बीडीओ अहमर अब्दाली ने की. इस चौपाल में सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद मकसूद, वार्ड सदस्य मोहम्मद अय्यूब, प्रखंड स्वच्छ्ता समन्वयक राहुल सिंह, स्वच्छ्ता पर्यवेक्षक मोहम्मद नौशाद सहित स्वच्छ्ता कर्मियों एवम स्थानीय निवासियों ने मुख्य रूप से भाग लिया. चौपाल में बीडीओ अहमर अब्दाली ने अपने संबोधन में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि स्वच्छ्ता ही समाज के उत्थान एवम तरक़्क़ी का दरवाजा है. स्वच्छ व्यक्ति से ही स्वच्छ समाज का निर्माण होता है और विकास की एक मजबूत बुनियाद रखी जाती है. आने वाले पीढ़ियों को स्वच्छ वायु, स्वच्छ भूमि, स्वच्छ जल एवं स्वच्छ वातावरण पर्यावरण हमें देना है यह हमारा नैतिक कर्तव्य है. यह निश्चित रूप से “स्वभाव स्वच्छ्ता-संस्कार स्वच्छ्ता ” थीम को अपनाने से ही तय होगा. स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान अंतर्गत समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने एवम स्वच्छ्ता के प्रति आम लोगों को संवेदनशील बनाने हेतु गुरुवार को बीडीओ अहमर अब्दाली की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत कनकपुर के पंचायत भवन में वार्ड संख्या 16 के स्थानीय निवासियों के साथ एक चौपाल का आयोजन किया गया. इस चौपाल में सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद मकसूद, वार्ड सदस्य मोहम्मद अय्यूब, प्रखंड स्वच्छ्ता समन्वयक राहुल सिंह, स्वच्छ्ता पर्यवेक्षक मोहम्मद नौशाद सहित स्वच्छ्ता कर्मियों एवम स्थानीय निवासियों ने मुख्य रूप से भाग लिया. चौपाल में बीडीओ अहमर अब्दाली ने अपने संबोधन में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि स्वच्छ्ता ही समाज के उत्थान एवम तरक़्क़ी का दरवाजा है. स्वच्छ व्यक्ति से ही स्वच्छ समाज का निर्माण होता है और विकास की एक मजबूत बुनियाद रखी जाती है. आने वाले पीढ़ियों को स्वच्छ वायु, स्वच्छ भूमि, स्वच्छ जल एवं स्वच्छ वातावरण पर्यावरण हमें देना है यह हमारा नैतिक कर्तव्य है. यह निश्चित रूप से “स्वभाव स्वच्छ्ता-संस्कार स्वच्छ्ता ” थीम को अपनाने से ही तय होगा.
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