स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 : तय मानक ट्रिपल आर पर खड़ा उतरना मुंगेर नगर निगम के लिए होगी अग्निपरीक्षा
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में मुंगेर नगर निगम की नेशनल रैंकिंग थी 396 व स्टेट रैकिंग 17मुंगेर. केंद्र सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है. जिसका थीम आरआरआर
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में मुंगेर नगर निगम की नेशनल रैंकिंग थी 396 व स्टेट रैकिंग 17मुंगेर. केंद्र सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है. जिसका थीम आरआरआर (रियूज, रिड्यूज, रिसाइकिल) है. ट्रिपल आर को पास करना मुंगेर नगर निगम के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी. क्योंकि जिस ट्रिपल आर की परीक्षा को पास करना है, उस विषय का होमवर्क नगर निगम मुंगेर ने पूरा नहीं किया है. यहां न तो सर्विस लेवल प्रोग्रेस सही है और न ही मास मूवमेंट पर ही अमल हो पा रही है. जिस पर सर्वाधिक अंक मिलना है. इस बार कुल 9500 अंक में से 60 फीसदी यानी 5705 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस, 26 फीसदी यानी 2500 अंक सर्टिफिकेशन और 14 फीसदी यानी 1295 अंक मास मूवमेंट के लिए निर्धारित किया गया है.
सफाई व्यवस्था सुदृढ़ नहींं, अंक कटना तय
मुंगेर शहरी क्षेत्रों में खुले में कचरा फैला हुआ दिखाई देता हैं. शहर में बने 50 से अधिक अस्थायी डंप यार्ड को खत्म करना नगर निगम के लिए चुनौती साबित होगा. सड़कों के किनारे होने वाली सफाई का स्तर संतोष जनक नहीं हैं. शहर के मुख्य बाजार में सफाई व्यवस्था जरूर सुधरी है. लेकिन गली-मोहल्ले में अस्थायी डंप यार्ड, खाली निजी मैदान या प्लॉट से जो गंदगी की सफाई करनी थी, इसमें निगम फिसड्डी साबित हो रहा है. इससे सर्वेक्षण के दौरान मिलने वाले अंक में कटौती हो सकता है. इतना ही नहीं सरकारी दफ्तरों से लेकर सड़कों पर जगह-जगह रेड स्पॉट दिखाई देना यहां आम बात हैं.
ड्रेनेज सिस्टम है फेल्योर, कैसे मिलेगा अंक
मुंगेर शहर में वाटर ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल्योर है. क्योंकि मुंगेर में अभी अमृत योजना के तहत सिवरेज योजना का कार्य चल ही रहा है. जबकि बारिश के दिनों में जलनिकासी व्यवस्था बदतर है. निगम के पास यह डाटा तक नहीं है कि उसके पास कितना नाला है जो बड़े नाले में जाकर मिलता है. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में लेट लतीफी तो आम बात है. कई वार्ड में कई-कई दिनों तक डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने ई-रिक्शा व ट्राली पहुंचती ही नहीं. सेग्रिकेशन केवल फोटो खिंचवाने तक सीमित दिखाई देता हैं. क्योंकि 90 फीसदी से अधिक गीला-सूखा उठाने और हानिकारक कचरा अलग करने पर 300 अंक निर्धारित हैं, लेकिन मुंगेर में यह व्यवस्था कारगर नहीं है.नहीं रुक पाया सिंगल यूज प्लास्टिक का
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध है. लेकिन इसका उपयोग शहर में धड़ल्ले से हो रहा है. सब्जी मंडी से लेकर बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग नियमित रूप से हो रहा है. इसकी वजह से सर्वेक्षण के दौरान अंकों में कटौती तय है. क्योंकि इसके लिए सर्वेक्षण में 150 अंक निर्धारित किये गये हैं.डीपीआर तक ही सिमटा एमआरएफ योजना
निगम क्षेत्र के चौरंबा में 10.52 एकड़ में डंप यार्ड है. जो घनी आबादी के बीच में अवस्थित है. लेकिन सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत सीएनडी, एमआरएफ और आरडीएफ, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट सुदृढ़ काम नहीं हो पाया है. निगम की माने तो मेटेरियल रिकवरी फेसलिटी प्रोग्राम (एमआरएफ) सिस्टम लगाने के 4 करोड़ का डीपीआर तय किया गया है. जिसे नगर निगम प्रशासन ने दो माह पहले ही स्वीकृति के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को भेज दिया गया. लेकिन आज तक वहां से इस योजना को स्वीकृति नहीं मिल पायी है.
सिटीजन वॉइस में जनभागीदारी पर नहीं हो रहा काम
सिटीजन वॉइस में जनभागीदारी बढ़ाये जाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम कराना है. बाजार से लेकर स्कूल, कॉलेजों तक में कार्यक्रम किये जाने हैं. लेकिन अब तक इस तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया. यह पहला मौका है जब सर्वेक्षण के लिए पहुंचने वाली केंद्रीय टीम स्कूलों में भी जायेगी. जहां स्कूलों में साफ-सफाई, टॉयलेट की सफाई. कचरा निस्तारण को लेकर तय किये गये हैं या नहीं. इसकी भी जांच करेंगी. निगम के जानकार बताते है कि जागरूकता के आईटीसी सुनहरा कल एनजीओ से नगर निगम का एग्रीमेंट है. जो निगम के जन जागरूकता में सहभागी है. लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं होता है. वहीं इस बार पान और गुटखे के दाग व्यवसायिक और आवासीय इलाके के साथ ही सरकारीे दफ्तरों की दीवारों पर रेड स्पॉट का सर्वेक्षण टीम करेंगी. टीम को कही भी रेड स्पॉट दिखा तो इसके लिए निर्धारित 60 अंक कट जायेगा.तीन हिस्सों में बंटा है सर्वेक्षण का कार्य
– सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर 5705 अंक निर्धारित है. जिसमें कचरा संग्रहण से लेकर निस्तारण, आवासीय कॉलोनियों से लेकर बाजारों की साफ-सफाई और वॉटर बॉडी की सफाई देखी जायेगी. – सर्टिफिकेशन पर 2500 अंक निर्धारित है. जिसके तहत सामुदायिक शौचालयों से लेकर टॉयलेट व अन्य कागजी प्रक्रिया का सर्वेक्षण किया जायेगा.– जन आंदोलन पर 1295 अंक निर्धारित है. विदित हो कि सिटीजन फीडबैक को अब जन आंदोलन का नाम दिया गया है. जिसमें शिकायतों का निवारण ऐप के जरिये करना है.
यहां पर नंबर कटना है तय
– नये निर्माण के दौरान निकलने वाले कचरा निस्तारण का प्लांट अब तक मुंगेर नगर नगर निगम में तैयार नहीं किया है.– सड़क किनारे दो कचरा पात्र रखना जरूरी है. लेकिन शहर में कुछ ही स्थानों पर कचरा पात्र लगा है.
– विवाह स्थल, शिक्षण संस्थान, व्यवसायिक कार्यालय से लेकर होटल, रेस्टोरेंट और होटल को खुद कचरे से खाद बनाने की मशीन लगानी है. लेकिन यह सर्वेक्षण टीम को कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा.कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त निखिल धनराज ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण -2024 को लेकर निगम प्रशासन कार्य कर रही है. सॉलिट वेस्ट मैनेजमेंट के तहत यहां काम हो रहा है. चुरंबा स्थित डंप यार्ड में कचरा से खाद बनाने का कार्य चल रहा है. सिटीजन वॉइस में जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. डोर-टू-डोर कचरा संग्रह ई-रिक्शा माइकिंग के माध्यम से जनता को जागरूक किया जा रही है. मुंगेर में एमआरएफ सिस्टम लगाने के लिए डीपीआर तैयार कर मुख्यालय भेज दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है