संत इग्नासियुस के जीवन से प्रेरणा लें : बिशप लीनुस

संत इग्नासियुस प्लस टू उवि में मनाया गया संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 4:19 PM

संत इग्नासियुस प्लस टू उवि में मनाया गया संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व

गुमला.

संत इग्नासियुस प्लस टू उवि में बुधवार को संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व मनाया गया. इसकी शुरुआत प्रात:कालीन पवित्र मिस्सा पूजा से हुई. स्कूल परिसर स्थित फादर पीपी वनफल सभागार में मुख्य अनुष्ठाता गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप लीनुस पिंगल एक्का व सह अनुष्ठाता संत इग्नासियुस के रेक्टर फादर निकोलस टेटे व प्रधानाध्यापक फादर मनोहर खोया समेत अन्य पुरोहितों ने विभिन्न धार्मिक विधियों के बीच मिस्सा पूजा करायी. बिशप लीनुस पिंगल एक्का ने कहा कि आज खुशी का दिन है कि हम सभी एक जगह पर एकत्रित होकर महान संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व मना रहे हैं. उन्होंने अपना जीवन न्याय, शांति व गरीबों की सेवा में लगा दिया. बिशप ने कहा कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उनके गुणों को आत्मसात करें. संत इग्नासियुस में दुनिया में कुछ करने का जुनून था. संत इग्नासियुस संत बनने से पूर्व युवा काल में वैश्विक युद्ध के बीच पंपलोना के सैनिक बने, ताकि वे अपने देश के लिए नाम कमाना चाहता था. लेकिन ईश्वर के पास संत इग्नासियुस के लिए बिल्कुल अलग योजना थी. पंपलोना में बतौर सैनिक उन्होंने लड़ाई भी लड़ी. लेकिन लड़ाई के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज कराने के दौरान संतों व यीशु ख्रीस्त के जीवनी ने उनका मन व हृदय पूरी तरह बदल दिया. पंपलोना का सैनिक यीशु ख्रीस्त का सैनिक बन गया और यीशु ख्रीस्त के राज के विस्तार के लिए काम करने लगा. बिशप ने कहा कि मनुष्य को क्या लाभ अगर सारा संसार कमा ले और अपनी आत्मा गवां दें. संत इग्नासियुस ने इस बात को अपने जीवन का एक अंग बना लिया. बिशप ने कहा कि संत इग्नासियुस की गिनती महान संतों में होती है. मिस्सा पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उवि व इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. मौके पर बर्सर फादर जयवंत सोरेंग, फादर अगुस्टीन कुजूर, फादर प्रफुल्ल एक्का, फादर सुमन, फादर जार्ज सोरेंग, फादर एलफिस केरकेट्टा, फादर सुशील, फादर कुलदीप लिंडा, ब्रदर प्रकाश कुल्लू, शिक्षक नीलम प्रकाश लकड़ा, जेवियर डुंगडुंग, हीरा लाल नाग, कपिल जोश एक्का, अजमीर किंडो, अनुप्रिया पांडेय, पूनम टोप्पो, बिंदेश्वर कुमार, अरविंद केरकेट्टा, अनमोल टोप्पो, निर्मल कुजूर, कुलदीप प्रताप बा, जस्टिन टोप्पो, सिमोन कुजूर, राजेश राय आदि मौजूद थे.

संत इग्नासियुस मोह माया का त्याग कर बने संत : फादर निकोलस

रेक्टर फादर निकोलस टेटे ने कहा कि संत इग्नासियुस लोयोला पूरी दुनिया के एक महान संत हैं. साथ ही वे हमारे विद्यालय के भी संरक्षक संत हैं. उन्होंने पूरी दुनिया को ललकारा कि हम सिर्फ सांसारिक मोह माया में ही सीमित नहीं रहे, बल्कि इसके अलावा जनकल्याण के लिए प्रेरित हो. संत इग्नासियुस में संत बनने से पूर्व दुनियावी सम्मान पाने की लालसा थी. इस कारण वे एक सैनिक बन गये. कुछ सालों बाद 1521 ईस्वी में फ्रांस के राजा ने नावार प्रदेश पर हमला किया. उस समय प्रदेश के पांपलोना के गढ़ की रक्षा में सैनिकों के साथ इग्नासियुस शामिल थे. उस युद्ध में वे घायल हो गये. यहीं से उनके जीवन में एक बदलाव की शुरुआत हुई और उन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर संत बने.

कोई काम समर्पण भावना से करें : फादर मनोहर

प्रधानाध्यापक फादर मनोहर खोया ने कहा कि संत इग्नासियुस लोयोला की भांति किसी भी काम को पूरे समर्पण की भावना से करें. संत इग्नासियुस में जज्बा व जुनून था. पहले खुद के लिए और देश के लिए नाम कमाने की चाह थी. इसके लिए वे सैनिक बनें और दुश्मन देश के सैनिकों का मारा. लेकिन युद्ध के दौरान घायल होने व अपना इलाज कराने के दौरान संतों व यीशु मसीह की जीवनी पढ़ने से उनमें बदलाव आया. वह सांसारिक मोह माया का त्याग कर ईश्वरीय मार्ग पर चल पड़े. अपने समर्पण भवन से ईश्वर को जीवन समर्पित किया. उन्होंने असहायों व दीन-दुखियों की सेवा की. हमारे स्कूल का नाम भी उनके नाम पर ही है. वे हमारे स्कूल के संरक्षक संत हैं.

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