पानी की बर्बादी रोकने के लिए कानून लायेगी राज्य सरकार : मंत्री पुलक राय

देश की राजधानी नयी दिल्ली, तो कभी तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और कभी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू. इन तीनों महानगरों में पेयजल की किल्लत सामने आयी है. ऐसे में पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रखने के लिए राज्य सरकार नयी पहल शुरू करने जा रही है. पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही एक कानून लाया जायेगा. ऐसी ही जानकारी बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य के लोक स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग (पीएचइ) के मंत्री पुलक राय ने दी. उन्होंने बताया कि संबंधित विधेयक (कानून) की रूपरेखा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 31, 2024 5:47 PM

कोलकाता.

देश की राजधानी नयी दिल्ली, तो कभी तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और कभी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू. इन तीनों महानगरों में पेयजल की किल्लत सामने आयी है. ऐसे में पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रखने के लिए राज्य सरकार नयी पहल शुरू करने जा रही है. पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही एक कानून लाया जायेगा. ऐसी ही जानकारी बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य के लोक स्वास्थ्य व अभियांत्रिकी विभाग (पीएचइ) के मंत्री पुलक राय ने दी. उन्होंने बताया कि संबंधित विधेयक (कानून) की रूपरेखा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है.उन्होंने संकेत दिया कि विधानसभा के आगामी सत्र में यह विधेयक लाया जायेगा. मंत्री के अनुसार, पश्चिम बंगाल देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां इस प्रकार का कानून होगा. मंत्री ने कहा कि विभाग को कई शिकायतें मिली हैं कि पीने का पानी आम लोगों के घरों तक पहुंचने के बजाय दूसरे कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है. कई जगहों पर खेती से लेकर विभिन्न कारखानों, होटलों, रेस्तरां में इसका अवैध तरीके से उपयोग किया जा रहा है. इसके बाद से ही विभाग ने पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए कानून बनाने पर विचार पहले ही शुरू कर दिया था.

मंत्री ने कहा कि हम राज्य के हर घर तक पीने का पानी पहुंचाना चाहते हैं. कृषि कार्य के लिए सिंचाई विभाग है. लघु सिंचाई विभाग है. हमारा विभाग आम लोगों तक पेयजल पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है. हम चाहते हैं कि पीने के पानी का इस्तेमाल केवल पीने के लिए ही किया जा सके. उन्होंने यहां तक कहा कि यदि पेयजल का दुरुपयोग रोकने के लिए हम कठोर कदम नहीं उठाते हैं, तो लोगों के लिए पेयजल की उपलब्धता मुश्किल हो जायेगी. इसलिए यह कानून जरूरी है. इस कानून में यह स्पष्ट उल्लेख होगा कि पेयजल का दूसरे कामों में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. उन्होंने सदन में सभी विधायकों से भी पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने की अपील की.

दिसंबर 2025 तक सभी घरों में पहुंचेगा नल से जल

कोलकाता. राज्य के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचइ) मंत्री पुलक राय ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि दिसंबर, 2025 तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में सभी घरों तक नल से पीने का पानी पहुंचा दिया जायेगा. प्रश्नोत्तर काल में उन्होंने सदन को बताया कि इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है. मंत्री ने बताया : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुझे निर्देश दिया है कि हर घर तक जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाये. मुख्यमंत्री खुद इसके बारे में लगातार अपडेट लेती रहती हैं. राय ने कहा कि 29 जुलाई, 2024 तक हम करीब 90 लाख घरों (89,62,933 घरों) तक पानी का कनेक्शन पहुंचाने में सफल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कुल परिवारों में से करीब 51.14 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंच गया है. बाकी घरों में भी पानी पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि दिसंबर, 2025 तक बंगाल के सभी घरों तक पेयजल का कनेक्शन पहुंचा दिया जायेगा.

उत्तर बंगाल में जल्द मिटेगी पेयजल की समस्या

राज्य में विरोधी दल भाजपा की ओर से राज्य सरकार पर उत्तर बंगाल की लगातार उपेक्षा किये जाने के आरोपों के बीच पीएचइ मंत्री पुलक राय ने प्रश्नोत्तर काल में सदन को बताया कि इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है. उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तर बंगाल में जल्द ही पेयजल की समस्या मिट जायेगी. मंत्री ने सिलीगुड़ी और डाबग्राम इलाके का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि डाबग्राम में पांच जल परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है, जिसपर 52.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे. डाबग्राम में करीब 31,137 परिवार हैं. उन्होंने कहा कि इन परिवारों तक पेयजल पहुंचाने के लिए फरवरी, 2025 तक काम पूरा हो जायेगा. मंंत्री ने जोर देकर कहा कि बंगाल के सभी घरों तक दिसंबर, 2025 तक पेयजल पहुंचा दिया जायेगा.

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