चौराव पंचायत के मुखिया ने छह लाख रुपये की सुपारी देकर शूटर से करायी थी हत्या
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हुई हत्या में पुलिस ने शुक्रवार को लाइनर और हथियार सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा किया है.
गोपालगंज. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हुई हत्या में पुलिस ने शुक्रवार को लाइनर और हथियार सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि हत्या के लिए चौराव पंचायत के मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे ने छह लाख रुपये की सुपारी दी थी, जिसमें शूटर्स की पहचान कर ली गयी है. हत्या में शूटर्स के लाइनर की भूमिका मीरगंज थाना क्षेत्र के साहेबचक गांव निवासी स्व. शिवशंकर उपाध्याय के पुत्र दीपक उपाध्याय ने निभायी. वहीं, हथियार की सप्लाइ नगर थाना क्षेत्र के तकिया बनकट गांव निवासी शमशूल हौदा के पुत्र मोहम्मद फैसल उर्फ तौफिक ने की. परवेज आलम उर्फ छोटे को अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया के बेटे अनस सलाम ने एफआइआर में नामजद किया है. वहीं मुखिया का भाई महताब आलम उर्फ लाल बाबू और आरिफ उर्फ सोना फरार है. पुलिस की टीम तीनों नामजद अभियुक्तों के अलावा शूटर्स की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं, पुलिस अभी तक हत्या के कारणों का खुलासा नहीं कर पायी है. हत्या के बाद शुरुआती दौर से जमीन विवाद की वजह बतायी जा रही है. परिजनों का कहना है कि हत्या की वजह राजनीतिक साजिश और पुरानी रंजिश है. शूटर्स को कहां से हायर किया गया. इलाके में किसने शूटर्स को पनाह दी, इन तमाम बिंदु पर पुलिस टीम जांच कर रही है. पुलिस की जांच में कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस कभी भी फरार मुखिया और उनके भाई के मकान की संपत्ति कुर्क कर सकती है.