वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर सेट्रल सर्वर में गड़बड़ के कारण जमीन रजिस्ट्री की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया है. बीते तीन दिनों से कोई नया चालान जमा नहीं हो पा रहा है. इससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी कम हो गयी है. इस कारण जमीन की खरीद-बिक्री के लिए दूसरे प्रदेश से शहर में पहुंचे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. ऑफिस के अनुसार, सेट्रल सर्वर में आयी तकनीकी गड़बड़ी के कारण चालान जमा करने व ई-स्टांप की बिक्री में परेशानी हो रही है. पहले से जिनका चालान जमा है या फिर कम मूल्य की वैल्यू वाली जमीन है. वैसी जमीन की खरीद-बिक्री स्टांप विक्रेताओं की तरफ से बिक्री की जा रही नन ज्यूडिशियल स्टांप के माध्यम से हो रही है. जमीन के बड़े प्लॉट की खरीद-बिक्री पहले की तरह बाधित है. कालाबाजारी बढ़ी, 1000 के स्टांप की बिक्री हो रही है 1500 में रजिस्ट्री ऑफिस में इन दिनों नन ज्यूडिशियल स्टांप की खूब कालाबाजारी हो रही है. स्टांप विक्रेता व बिचौलियों की सांठ-गांठ इतनी तगड़ी हो गयी है कि प्रशासनिक सख्ती का भी कोई असर नहीं है. जिलाधिकारी के शुरुआत कार्यकाल के दौरान छापेमारी की डर से स्टांप विक्रेता सहित ऑफिस के इर्द-गिर्द घूमने वाले बिचौलिये डरे-सहमे हुए थे. लेकिन, फिर से इनकी मनमानी बढ़ गयी है. इसी का नतीजा है कि 100 रुपये वाले स्टांप की बिक्री दो सौ रुपये एवं 1000 रुपये के नन ज्यूडिशियल स्टांप की बिक्री 1500 रुपये में हो रही है. चालान जमा होने में परेशानी से पांच हजार के स्टांप की भी खूब कालाबाजारी हो रही है. 1000-1500 रुपये अधिक पैसे लेकर वेंडर 5000 रुपये का स्टांप बेच रहे हैं.
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