-बांकुड़ा व कई अन्य जिलों से सैकड़ों श्रमिक ड्यूटी पर पहुंचे, पर अंदर नहीं जा पाये दुर्गापुर. विभिन्न कल-कारखानों में बाहरी जिलों के लोगों को ठेका श्रमिक के तौर पर नियुक्त करने का स्थानीय लोग विरोध करते रहे हैं. उनकी मांग है कि यहां के कल-कारखानों में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को नौकरी पर रखा जाये, लेकिन ज्यादातर कारखानों में ऐसे लोकल युवाओं को काम पर रखने के बजाय बाहरी जिलों के ठेका श्रमिकों को रख कर काम लिया जा रहा है. इसके खिलाफ समय-समय पर स्थानीय बेरोजगार युवा प्रतिवाद जताते रहे हैं. इस क्रम में मंगलवार को सुबह दुर्गापुर के कोकओवन थाना क्षेत्र के ग्रेफाइट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड प्लांट के बाहर भी प्रतिवाद हुआ. तृणमूल कांग्रेस का झंडा लिये सैकड़ों युवा वहां पहुंच गये और काम के लिए बाहरी जिलों से आये ठेका श्रमिकों को प्लांट के अंदर नहीं जाने दिया. तृणमूल कार्यकर्ताओं ने ठेका श्रमिकों के नाम, पता व सेलफोन नंबर लेकर उन्हें वहां से चले जाने को कहा. इस पर सैकड़ों ठेका श्रमिक वहां से वापस चले गये. हालांकि तृणमूल का झंडा थामे कुछ स्थानीय युवकों को प्लांट में ड्यूटी करने के लिए जाने दिया गया. इसके अलावा बाहरी जिलों से आये सैकड़ों ठेका श्रमिकों को प्लांट के अंदर नहीं जाने दिया गया. तृणमूल कार्यकर्ताओं के दबाव से बाहरी जिलों से आये ठेका श्रमिकों को बाध्य होकर लौट जाना पड़ा. आम चुनाव से पहले तृणमूलकर्मियों की ऐसी हरकत से राजनीतिक चर्चा तेज हो गयी है. इस बाबत पूछने पर तृणमूलकर्मी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. इधर, प्लांट में अंदर जाने से रोके गये श्रमिकों सूरज सरकार, सुनील धारा, तन्मय राय आदि ने बताया कि वे लोग पड़ोसी जिले बांकुड़ा के विभिन्न ग्रामों के रहनेवाले हैं. प्लांट में बीते सात-आठ वर्षों से प्रोजेक्ट यूनिट में ठेकेदार के अधीन काम करते हैं. मंगलवार को ड्यूटी के लिए पहुंचने पर प्लांट के बाहर खड़े स्थानीय तृणमूल समर्थित युवकों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. 300 से अधिक बाहरी जिले के श्रमिकों को प्लांट में घुसने नहीं दिया गया. इसकी शिकायत प्लांट प्रबंधन व प्रशासन से की जायेगी. इस बारे में तृणमूल ट्रेड यूनियन के तीन नंबर ब्लॉक अध्यक्ष कल्लोल बनर्जी ने कहा कि तृणमूल का झंडा लेकर ऐसी हरकत करना अनुचित है. स्थानीय युवकों की नियुक्ति को लेकर प्रबंधन में कुछ समय से समस्या हुई है. इसके समाधान का आश्वासन दिया गया था. इसे लेकर यूनियन के शीर्ष नेताओं को भी बताया गया है. इस मुद्दे पर फिर जल्द ही बैठक हो सकती है. उल्लेखनीय है कि ग्रेफाइट इंडिया प्लांट में बीते कुछ समय से नियुक्ति को लेकर प्रबंधन और वार्ड 28 व 29 में रहनेवाले स्थानीय युवकों के बीच विवाद चल रहा है. प्लांट में तृणमूल के दो गुट सक्रिय हैं. एक गुट का आरोप है कि दूसरा गुट पर बाहरी जिले के श्रमिकों को ठेकेदार के जरिए घूस लेकर प्लांट में नियुक्त करा रहा है. इससे स्थानीय बेरोजगार युवा नौकरी से वंचित हो रहे हैं. इसे लेकर बीते कुछ महीनों से स्थानीय युवकों का समूह लगातार आंदोलन कर रहा है. वहीं, मंगलवार की घटना को लेकर तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व में खलबली है. वहीं, विरोधी राजनीतिक दल इस मुद्दे को लेकर तृणमूल को घेरने लगी हैं.
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ग्रेफाइट इंडिया के बाहर तृणमूलकर्मी बने रोड़ा, काम किये बिना लौटे सैकड़ों ठेका श्रमिक
विभिन्न कल-कारखानों में बाहरी जिलों के लोगों को ठेका श्रमिक के तौर पर नियुक्त करने का स्थानीय लोग विरोध करते रहे हैं.
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