ठाकुरगंज में कृषकों ने शुरू की वनीला की खेती, हो सकता है जबर्दस्त मुनाफा
ठाकुरगंज(किशनगंज). वनीला मतलब आइसक्रीम का एक फ्लेवर. लेकिन अब किशनगंज के किसान वनीला की खेती करने लगे है. नाबार्ड से जुडी एक संस्था ने एफपीओ
ठाकुरगंज(किशनगंज). वनीला मतलब आइसक्रीम का एक फ्लेवर. लेकिन अब किशनगंज के किसान वनीला की खेती करने लगे है. नाबार्ड से जुडी एक संस्था ने एफपीओ के जरिये इसकी खेती पर जोर दिया है.
उर्मिला मशरूम प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड ने केसर के बाद सबसे महंगी खेती मानी जाने वाली वनीला की खेती पर जोर दिया है. जिले के विभिन्न इलाकों में दर्जनों किसानों को पौधे उपलब्ध करवाकर इसकी खेती शुरू की गई है. इस संस्था के सीईओ परवेज आलम ने बताया कि ये दुनिया में दूसरा सबसे महंगा फ्लेवर वाला पौधा है और इसकी खेती पूरे भारत में कर सकते हैं. इसकी कीमत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बाजार में यह 40 हजार रुपये प्रति किलो बिकता है. ऐसे में अगर भारत में किसान इसकी खेती अच्छे से करें तो वो साल में बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.उन्होंने बताया की दो किसानो को केरल भेजकर इसकी ट्रेनिग दिलवाई गई है उसके बाद किशनगंज में भी किसानो को जागरूक कर इस खेती के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है. वनीला की खेती को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक किसानों को इसका पौधा भी दिया जाएगा. वनिला की खेती कर रहे ठाकुरगंज बिरनाबाड़ी के किसान मो फारुक बताते हैं कि वनीला खेती अगर किशनगंज में सफल होती है, तो इसका सीधा लाभ किसानों को होगा.
40 हजार रुपए किलो बिकता है वनीला
किशनगंज में इस खेती को प्रोत्साहित कर रहे उर्मिला मशरूम प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड से जुड़े परवेज आलम बताते है वेनिला की खेती से किसानों को काफी लाभ होगा. यह चालीस हजार रुपए किलो बिकता है. जबकि इसका अवशेष भी छह हजार रुपए किलो बिकता है. दूसरी ओर किसानों ने बताया कि वनीला की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. हमलोग अबतक परंपरागत खेती कर रहे थे. अब इसकी खेती से काफी फायदा होगा. इसलिए हमलोग इसकी खेती करेंगे.
वनीला की खासियत
भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है. वनीला एक पौधा होता है. जिसमें बीन्स के जैसे फल होते हैं. वहीं इसके फूल कैप्सूल जैसे होते हैं. वनीला के फूलों की खुशबू काफी शानदार होती है. उन्हीं के सूख जाने के बाद उसका पाउडर बनाया जाता है और फिर इसे बाजार में ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है. वनीला में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. वहीं इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, कहा जाता है कि इसके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की शक्ति होती है और यह बेहद फायदेमंद होता है.वनीला से बनाए जाने वाला सामान
वनीला की मार्केट में भारी डिमांड होती है, क्योंकि इसके अर्क का उपयोग खास तौर से आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने सहित अनेक प्रकार की मिठाइयों में किया जाता है. इस तरह ये केसर के बाद दूसरी सबसे महंगी फसल है.
वनीला की खेती कैसे की जाती है
वनीला की खेती मध्यम तापमान यानी 20 से 30 डिग्री सेल्सियस में बेहतर मानी जाती है. वहीं इसकी खेती घनी छायादार जगहों पर भी हो सकती है. जहां ज्यादा गर्मी है, वहां इसकी खेती आप शेड हाउस में आराम से कर सकते हैं. हालांकि, इसके पौधों को बढ़ने के लिए हल्की रौशनी मिलती रहनी चाहिए. वहीं इसकी खेती के लिए भुरभुरी मिट्टी उपयुक्त होती है और इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 होना चाहिए. अच्छे प्रकार का वैनिला केवल अच्छी लताओं (बेल) से ही निकलता है. उच्च गुणवत्ता की प्राप्ति के लिए अधिक श्रम की आवश्यकता होती है. वैनिला का व्यावसायिक उत्पादन खुले खेत तथा “ग्रीनहाउस” प्रक्रिया के अंतर्गत किया जा सकता है. इसके उत्पादन के लिए छाया की आवश्यकता,जैविक पदार्थों की मात्रा की आवश्यकता,वृद्धि के लिए वृक्ष या सांचे (बांस, नारियल या इरिथ्रिना लैंसीओलेटा) की आवश्यकता होती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है